हर वर्ष में दो बार खरमास लगता है जिसको मलमास भी कहा जाता है. जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो उस समय को खरमास कहा जाता है. यही कारण है कि इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. बल्कि, यह वक्त धार्मिक साधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है. द्रिक पंचांग के अनुसार, खरमास इस बार 16 दिसंबर 2025, मंगलवार से शुरू होगा. उसके बाद 15 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास की समाप्ति हो जाएगी. ज्योतिषियों के अनुसार, इस समय कुछ कार्यों को करने में सावधानी दिखानी चाहिए.
खरमास में न करें ये कार्य
विवाह
खरमास के दौरान शादी या रिश्ते तय करने से बचना चाहिए. ऐसा माना गया है कि इस समय विवाह शुरू करने पर दांपत्य जीवन में समस्याएं और मानसिक तनाव की संभावना बढ़ सकती है.
गृह प्रवेश
खरमास नए घर में प्रवेश या मकान बदलने के लिए बहुत ही अशुभ महीना माना गया है. मान्यता है कि इससे घर की सुख-समृद्धि प्रभावित हो सकती है.
नया व्यवसाय शुरू करना
खरमास में व्यापार या बिजनेस शुरू करना उचित नहीं माना जाता है. ऐसा करने से आर्थिक अड़चनें और नुकसान की आशंका अधिक रहती है.
लग्न, मुंडन व नामकरण
खरमास में शुभ संस्कार जैसे नामकरण, मुंडन आदि भी टालने की परंपरा है. माना जाता है कि ये कर्म शुभ फल नहीं देते.
नए साल 2026 में कब से शुरू होंगे विवाह मुहूर्त
साल 2026 में सभी शुभ काम 14 जनवरी तक बंद रहेंगे. इस समय कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होगा. दरअसल, 11 दिसंबर को शुक्र अस्त होंगे, 16 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से खरमास की शुरुआत हो जाएगी. साथ ही, शुक्र के अस्त होने का प्रभाव 31 जनवरी तक रहेगा. यानी सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत पुन: फरवरी माह से होगी.
