Khatu Shyam Mandir: अगर आप सितंबर महीने में राजस्थान के खाटू श्याम मंदिर के दर्शन का प्लान कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी है। मंदिर प्रशासन ने साफ तौर पर यह जानकारी साझा की है कि 6 सितंबर की रात से लेकर 8 सितंबर की शाम तक मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे। ऐसे में यात्रा से पहले यह जानकारी जरूर लें, जिससे आप असुविधा से बच सकें।
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मंदिर बंद रहने की तारीख और समय

श्री श्याम मंदिर कमेटी के मुताबिक मंदिर 6 सितंबर की रात 10 बजे से बंद हो जाएगा और 8 सितंबर को शाम 5 बजे तक दर्शन नहीं हो पाएंगे। इस दौरान मंदिर में कोई भी धार्मिक गतिविधि भी नहीं होगी और भक्तों को दर्शन की अनुमति भी नहीं मिल सकेगी। 8 सितंबर को शाम 5 बजे के बाद बाबा श्याम का स्नान व तिलक श्रृंगार किया जाएगा। तब मंदिर के कपाट भक्तों के लिए फिर से खुलेंगे। ऐसे में समिति ने सभी भक्तों और श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि इस अवधि में मंदिर न आएं और प्रशासन का सहयोग करें।
जानें क्यों बन रहेगा खाटू श्याम मंदिर
इस साल 7 सितंबर को भारत में चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इसके अगले दिन यानी 8 सितंबर को बाबा श्याम का विशेष तिलक उत्सव आयोजित किया जाएगा। इन दोनों ही कारणों के चलते मंदिर को कुछ समय के लिए बंद करने का फैसला लिया गया है। ज्योतिष अनुसार ग्रहण काल के दौरान पूजा पाठ, मूर्ति दर्शन और मंदिर प्रवेश वर्जित होता है। यही कारण है कि देशभर के कई मंदिरों की तरह खाटू श्याम मंदिर के भी कपाट कुछ समय के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
चंद्र ग्रहण का समय
आपको बता दें कि साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात 9 बजकर 58 मिनट से लग रहा है और 8 सितंबर की रात 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। धार्मिक नजरिएं ये यह समय अशुद्ध माना जाता है। मान्यता है कि ग्रहण के समय चंद्रमा की किरणों में अशुद्धता आ जाती है जिसके कारण माहौल में नकारात्मकता फैल जाती है। यही कारण है कि मंदिरों को ग्रहण के समय बंद कर दिया जाता है और भगवान की प्रतिमा को वस्त्रों से ढक दिया जाता है। जिससे ग्रहण की अशुद्धता का प्रभाव इन पर न पड़े।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।
