Kinnar Akhada Controversy: किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर और उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य कौशल्या नंद गिरी उर्फ टीना मां ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अखाड़े की गतिविधियों को असंगत बताते हुए एक नए “सनातनी अखाड़े” के गठन की घोषणा की। टीना मां ने कहा कि वर्तमान अखाड़ा अपनी मूल विचारधारा से भटक गया है, इसलिए उन्हें यह कठोर निर्णय लेना पड़ा।
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विचारधारा से असहमति बनी विवाद की जड़
बताते चले कि, टीना मां ने स्पष्ट किया कि अखाड़े की दिशा अब सनातन धर्म के मूल्यों से मेल नहीं खा रही है। उन्होंने कहा कि अखाड़े में सभी वर्गों के लोग आते हैं और पदाधिकारियों को समाज में सम्मान मिलता है। ऐसे में यदि विचारधारा जनभावनाओं के विपरीत हो जाए, तो उसका असर पूरे संगठन पर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए वह किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
महाकुंभ से शुरू हुआ था मतभेद
आपको बता दे कि, महाकुंभ 2025 के दौरान किन्नर अखाड़े में आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में मतभेद शुरू हुए थे। कुंभ के दौरान अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की पदवी दी गई थी, जिससे कई सदस्य असहमत थे। टीना मां और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के बीच विचारधाराओं को लेकर टकराव बढ़ता गया, जो अंततः इस्तीफे और नए अखाड़े की घोषणा तक पहुंच गया।
टीना मां का जीवन संघर्षों से भरा
कौशल्या नंद गिरी उर्फ टीना मां का जन्म देहरादून के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता टेकना नारायण भारतीय नौसेना में कार्यरत थे। सामाजिक लज्जा के कारण उन्हें माता-पिता का प्यार नहीं मिल पाया और उन्होंने किन्नर समुदाय में जीवन बिताया। उनका पालन-पोषण उस्ताद सलमा ने किया। 2019 के कुंभ में उन्हें पीठाधीश्वर बनाया गया और 2021 में महामंडलेश्वर की पदवी मिली। योगी सरकार ने उन्हें उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड का सदस्य भी नियुक्त किया। टीना मां का दावा है कि वह 40 किन्नर बच्चों की संरक्षक हैं और उनके आधार कार्ड पर उनका नाम दर्ज है। उन्होंने कहा, “मैं ही उनकी मां और पिता हूं।”
टीना मां का इस्तीफा और नया अखाड़ा बनाना किन्नर समुदाय में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। यह घटनाक्रम न केवल धार्मिक संगठनों की विचारधारा पर सवाल उठाता है, बल्कि समाज में किन्नर समुदाय की भूमिका और नेतृत्व को भी नई दिशा देता है। मंगलवार को पट्टाभिषेक के साथ नए अखाड़े की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
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