Kinnaur News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने की घटना के एक दिन बाद हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के तंगलिंग में भी बादल फट गया. इस प्राकृतिक आपदा से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं, जिससे कैलाश यात्रा पर निकले हजारों श्रद्धालु फंस गए. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की 17वीं बटालियन की टीम ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर कई श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया.
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कैलाश यात्रा रूट के पुल बह गए
बादल फटने से तांगलिपी और कांगरंग नालों के पुल बह गए, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया. बचाव कार्य में लगी टीमों ने जिपलाइन की मदद से 413 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला. बचाव अभियान लगातार जारी है ताकि और यात्रियों को भी सुरक्षित निकाला जा सके. पानी के तेज बहाव के साथ पहाड़ों से चट्टानें और मलबा सड़कों पर आ गया है, जिससे नेशनल हाईवे-5 भी बंद हो गया.
रालडांग खड्ड में भी बादल फटा
किन्नौर के रिब्बा गांव के पास रालडांग खड्ड में भी बादल फटने से भारी पत्थर और कीचड़ नेशनल हाईवे-5 पर जमा हो गया, जिससे हाइवे पूरी तरह बंद हो गया. प्रशासन और सुरक्षा बल लगातार आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए जुटे हैं। हालांकि, अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है, पर खतरा बरकरार है.
सड़कें बंद, बचाव कार्य युद्ध स्तर पर
राज्य में लगातार हो रही बारिश और बादल फटने की घटनाओं से भारी तबाही मची है. पहाड़ों के हिस्से टूटकर रास्तों पर आ गए हैं, जिससे कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. 500 से अधिक सड़कें बंद हो चुकी हैं। प्रशासन और बचाव दल लगातार प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचा रहे हैं और लोगों की सुरक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं.
उत्तरकाशी में 4 की मौत, 50 से अधिक लापता
उत्तरकाशी के धराली गांव में मंगलवार को हुए बादल फटने की घटना में अब तक 4 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है. सेना के 11 जवान समेत 50 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। प्रदेश की धामी सरकार ने तत्काल राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है.

