Kishtwar Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में 14 अगस्त को चशोती गांव में अचानक बादल फटने से भारी तबाही हुई। प्राकृतिक आपदा की इस घटना में अब तक 62 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 70 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। इस हादसे में 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 30 की हालत गंभीर है। राहत और बचाव कार्य लगातार पांचवें दिन भी जारी हैं।
बादल फटने के दौरान मचैल माता मंदिर यात्रा प्रभावित
आपको बता दे कि, घटना उस समय हुई जब मचैल माता मंदिर की वार्षिक यात्रा चल रही थी। दोपहर करीब 12:30 बजे बादल फटने से पहाड़ी नाले राजाई नल्ला में अचानक पानी की तेज धारा बह निकली। इस जल सैलाब ने पत्थर, पेड़, घर और पुल बहा दिए। कई श्रद्धालु और स्थानीय लोग मलबे में फंस गए। मंदिर यात्रा केवल डेढ़ महीने के लिए खुलती है और भक्तों को करीब साढ़े 8 किलोमीटर का कठिन पैदल रास्ता तय करना होता है।
CM उमर अब्दुल्ला ने घटनास्थल का दौरा किया
घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को किश्तवाड़ का दौरा किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और स्थानीय क्षेत्रों का जायजा लिया।पड्डर ब्लॉक में स्थित गुलाबगढ़ गांव पहुंचकर सीएम ने राहत कार्यों का निरीक्षण किया।
केंद्रीय मंत्री ने आपदा क्षेत्र का किया दौरा
केंद्रीय मंत्री भी किश्तवाड़ पहुंचे और आपदाग्रस्त इलाकों का दौरा कर राहत और बचाव अभियान की निगरानी की। उन्होंने तुरंत रेस्क्यू कार्य शुरू करवाया और प्रभावित लोगों की मदद सुनिश्चित की। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की मदद से बचाव कार्य तेजी से जारी है।
रेस्क्यू और राहत कार्य जारी
प्राकृतिक आपदा के बाद बचाव दल लगातार प्रभावित इलाकों में काम कर रहा है। लापता लोगों की तलाश जारी है और घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी राहत शिविर भी स्थापित किए हैं, ताकि पीड़ितों को तत्काल मदद मिल सके।
