Devauthani Ekadashi : इस साल 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी, यह त्योहार कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। यह त्योहार को हमारे हिन्दू धर्म में एक अलग ही मान्यता दी गई है। बता दें कि यह दिन सुहागनो के लिए बहुता बड़ा दिन मना जाता है क्योकिं इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह सिंगार कर तुलसी मां की पुजा करती है। वहीं इस दिन की विशेष मान्यता यह है की इस दिन भगवान विष्णु 5 माह की निद्रा के बाद जागेंगे, जिसके बाद से सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे, इस दिन लोग अपने – अपने घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा और तुलसी-शालिग्राम के विवाह का आयोजन करते हैं। जिसके बाद से आप अपने घर में कोइ भी शुभ कार्य कर सकते है। यह दिन बहुत ही शुभ माना गया है, तो आईए जानते है इस दिन का महत्व , पुजा विधि और मुहूर्त..
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अपने पूजा घर में दीप प्रज्वलित करें
बता दें कि आप इस से एक दिन पहले अपने घर सहित पूजा स्थल की साफ सफाई कर ले फिर,दुसरे दिन सुबह उठकर नहा ले, जिसके बाद आप अपने घर के निकट के किसी मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन करें , और प्रसाद अर्पित करें ले, जिसके बाद घर आकर अपने पूजा घर में दीप प्रज्वलित करें। इसके साथ भगवान विष्णु को गंगा जल से अभिषेक कर पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। वहीं इस दिन व्रत रखने का भी बड़ा विधान है जो अपनी क्षमता के अनुसार आप कर सकते हैं।
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देवउठनी एकादशी मुहूर्त..
कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ – 22 नवंबर 2023, रात 11.03 से शुरू
कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि का समापन – 23 नवंबर 2023, रात 09.01 पर समाप्त
मन तन से इनकी पूजा अर्चना करें

वहीं इस दिन भगवान विष्णु के अवतार को माता तुलसी के साथ विवाह किया जाता है, इस दिन माता तुलसी को विवाह करना बहुत शुभ माना जाता है, विवाह करने के बाद भगवान की आरती करें , साथ ही सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाए, उसके बाद भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर रखें क्योंकि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें। और मन तन से इनकी पूजा अर्चना करें।