Dhanteras 2025: धनतेरस पर जानिए सोना-चांदी खरीदने का शुभ समय और पूजा विधि

धनतेरस 2025 का त्योहार दीपावली के पर्व की शुरुआत करता है और इसे धन, समृद्धि तथा स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सोना-चांदी की खरीदारी के साथ-साथ भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है, जिससे घर में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है।

Aanchal Singh
Dhanteras 2025
Dhanteras 2025

Dhanteras 2025: (Dhanteras) धनतेरस का त्योहार दीपावली पर्व की शुरूआत करता है और इसे धन, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सोना और चांदी खरीदना बेहद शुभ होता है, क्योंकि ऐसा करने से पूरे वर्ष घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। 2025 में धनतेरस का पर्व भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर को समर्पित है, जिनकी पूजा से स्वास्थ्य, धन-संपदा और सफलता की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा-अर्चना और खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है।

Read More: Chhath Puja 2025: छठ महापर्व की तैयारियां शुरू! 84 घंटे का निर्जला व्रत, जानें कब दें डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य…

धनतेरस पर खरीदारी का अमृत काल और पूजा का प्रदोष काल

बताते चले कि, धनतेरस (Dhanteras) के दिन सोना-चांदी खरीदने के लिए सुबह 8 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 33 मिनट तक का समय सर्वश्रेष्ठ माना गया है, जिसे अमृत काल कहा जाता है। इस दौरान खरीदी गई वस्तुएं घर में खुशहाली और सौभाग्य लेकर आती हैं। इसके अलावा, शाम को प्रदोष काल जो लगभग 7 बजकर 16 मिनट से 8 बजकर 20 मिनट तक रहता है, पूजा के लिए अत्यंत शुभ समय माना जाता है। इस समय भगवान धन्वंतरि की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। ध्यान रहे कि प्रदोष काल का समय शहरों के अनुसार थोड़ा भिन्न होता है। जैसे नई दिल्ली में शाम 7:16 से 8:20 बजे, कोलकाता में 6:41 से 7:38 बजे और मुंबई में 7:49 से 8:41 बजे तक पूजा का शुभ समय रहता है।

चांदी के बर्तनों और सिक्कों की खरीदारी का महत्व

आपको बता दे कि, धनतेरस (Dhanteras) के अवसर पर चांदी के बर्तन या सिक्के खरीदने की भी प्राचीन परंपरा रही है, जिसका विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में आर्थिक समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ होता है। नई वस्तुएं खरीदने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता घर में प्रवेश करती है। इसलिए इस दिन सावधानीपूर्वक खरीदारी और पूजा करना बेहद जरूरी है ताकि आने वाला वर्ष खुशहाल और समृद्धिपूर्ण हो।

Read More: Govardhan Puja 2025: कब है गोवर्धन पूजा, कैसे हुई इसकी शुरुआत? जानें पौराणिक कथा

समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना का पर्व

इस प्रकार धनतेरस (Dhanteras) केवल धन-लाभ का ही अवसर नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करने का भी पवित्र पर्व है। सही समय पर सोना-चांदी खरीदकर और भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी तथा भगवान कुबेर की पूजा कर हम अपने जीवन में सुख-शांति और आर्थिक स्थिरता ला सकते हैं। इस पर्व के माध्यम से हम अपने घर-परिवार में खुशहाली और उन्नति के नए द्वार खोलते हैं, जो पूरे वर्ष फलदायक साबित होते हैं।

इस धनतेरस, खरीदारी और पूजा के शुभ समय का ध्यान रखें और इस पावन पर्व को अपनी आस्था और श्रद्धा से मनाएं ताकि आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।

Read More: Diwali 2025: कब से शुरू हो रहा पांच दिवसीय पर्व दिवाली? जानें धनतेरस, दिवाली और गोवर्धन पूजा की तिथि और शुभ मुहूर्त

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version