जानें National Education Day का महत्व?

Mona Jha

National Education Day : हर साल देश में 11 नवंबर 2021 को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मनाया जाता है। वह देश के पहले शिक्षा मंत्री थे।बता दें कि इस दिन भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Abul Kalam Azad) की जयंती के रूप में मनाया जाता है।

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क्योकिं आजाद ने देश की शिक्षा प्रणाली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान की नींव रखी थी, इसके साथ उन्होनें ने देश की शिक्षा प्रणाली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान की नींव रखी। वहीं आपके जानकारी के लिए बता दें कि शिक्षा दिवस का महत्व क्या है।

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भारतीय स्वतंत्रता के पहला आंदोलन..

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मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एक विद्वान और स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे। मौलाना अबुल कलाम आजाद अफगान उलेमाओं के परिवार से थे जो बाबर के समय में हेरात से भारत आए थे। उनकी मां अरबी मूल की थीं और उनका नाम शेख आलिया बिन्त मोहम्मद था। वहीं उनके पिता मौलाना सैय्यद मुहम्मद खैरुद्दीन बिन अहमद अल-हुसैनी, एक फारसी व्यक्ति थे। मोहम्मद खैरुद्दीन और उनका परिवार 1857 में कलकत्ता छोड़कर भारतीय स्वतंत्रता के पहले आंदोलन के दौरान मक्का चलगा गया।

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जानें इस दिन का महत्व..

मौलाना अबुल कमल आजाद 15 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958 तक भारत के शिक्षा मंत्री रहे। भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में आजाद ने ग्रामीण गरीबों और लड़कियों को शिक्षित करने पर जोर दिया।आपको बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय, जिसे अब शिक्षा मंत्रालय कहा जाता है, ने 11 सितंबर, 2008 को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की घोषणा की।वहीं इस दिन को भारत के पहले शिक्षा मंत्री की जयंती और भारत में शिक्षा के प्रति उनके योगदान को मनाने के लिए चिह्नित किया गया था।

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मंत्रालय ने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को याद करते हुए भारत के इस महान बेटे के जन्मदिन को नेशनल एजुकेशन डे के तौर पर मनाने का निर्णय लिया। तब से हर साल यह मनाया जा रहा है। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को एक शिक्षाविद् और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में उनके योगदान के लिए 1992 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

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इस दिन को मनाने की घोषणा की..

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मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को एक शिक्षाविद् और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में उनके योगदान के लिए 1992 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में आजाद ने ग्रामीण गरीबों और लड़कियों को शिक्षित करने पर जोर दिया। वहीं भारत द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2022 मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आजाद द्वारा भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में किए गए योगदान पर एक नज़र डालने के लिए इस दिन को मनाने की घोषणा की है।

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