जानें चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 को लेकर ISRO की योजना

Mona Jha

ISRO : चंद्रयान-3 मिशन जो की हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। बता दे कि हमारे देश के इसरो के कड़ी मेहनत की वजह से आज चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च किया गया है । वहीं चंद्रयान-3 मिशन के निदेशक मोहन कुमार हैं, व्हीकल/रॉकेट निदेशक बीजू सी, थॉमस हैं और अंतरिक्ष यान निदेशक डॉ. पी. वीरमुथुवेल हैं।लॉन्चिंग सफल चंद्रयान-3 की ने अपनी लॉन्चिंग के चार चरण सफलता पूर्वक पूरे कर लिए हैं।

चंद्रयान-3 ISRO के मुताबिक पृथ्वी की निर्धारित कक्षा में पहुंच गया है। वहां से वह चांद की कक्षा की ओर जाएगा। बता दे कि चंद्रयान-3 23 अगस्त को शाम 5: 47 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरने की संभावनाएं जताई गई हैं।

लैंडर की सफल लैंडिंग होने के बाद भारत एक नया इतिहास रचेगा। लैंडर की सफल लैंडिंग होने के बाद भारत दुनिया का पहला ऐसा देश होगा जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करेगा।

सितंबर 2019 में चंद्रयान- 2 को चांद पर उतारने का प्रयास किया था लेकिन तब उसका विक्रम लैंडर क्षतिग्रस्त हो गया था। तब इसके इसरो प्रमुख ने कहा था, की”ऑर्बिटर से मिली तस्वीर से लगता है कि विक्रम लैंडर की चांद पर हार्ड लैंडिंग हुई है।वहीं चांद का चक्कर लगा रहे आर्बिटर ने विक्रम लैंडर की थर्मल इमेज ली है किसी अंतरिक्ष यान के चांद पर दो तरह से लैंडिंग हो सकती है।

एक है सॉफ़्ट लैंडिंग जिसमें अंतरिक्ष यान की गति कम होती जाती है और वो धीरे-धीरे चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतर जाता है। वहीं दूसरी लैंडिंग हार्ड लैंडिंग होती है इसमें अंतरिक्ष यान चांद की सतह से टकरा कर क्रैश हो जाता है।

लॉन्चिंग 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से की गई थी । बता दे कि भारत दुनिया का पहला ऐसा देश होगा जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करेगा।

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चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग के लिए तैयारी पूरी और प्रक्रिया का 24 घंटे का लॉन्च रिहर्सल किया गया था। वहीं लैंडर की सफल लैंडिंग होने के बाद भारत एक नया इतिहास रचेगा।

पहले ऑनबोर्ड थ्रस्टर्स फायर किए गए जिसके बाद चंद्रयान 41762 किमी x 173 किमी कक्षा में पहुंच गया।

प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर सफलतापूर्वक अलग हो गया अब लैंडर मॉड्यूल खुद ही आगे की दूरी तय करने लगा। लैंडर मॉड्यूल में लैंडर और रोवर होते हैं।

लैंडर की शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद की सतह पर उतरने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया जाएगा, जो इसरो की वेबसाइट, इसके यूट्यूब चैनल, इसरो के फेसबुक पेज, और डीडी (दूरदर्शन) नेशनल टीवी चैनल सहित कई मंचों पर शाम 5:20 बजे शुरू होगा।

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मिशन अलग और खास माना चंद्रयान-3 जा रहा है क्योंकि अब तक जितने भी देशों ने अपने यान चंद्रमा पर भेजे हैं उनकी लैंडिग उत्तरी ध्रुव पर हुई है, जबकि चंद्रयान 3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला यान होगा। जिसके अलावा चंद्रयान 3 इसरो ही नहीं बल्कि पीएम मोदी का भी ड्रीम प्रोजेक्ट है।

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