Kolkata Airport Mosque: कोलकाता स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जो देश के सबसे व्यस्ततम एयरपोर्ट में से एक है, अब एक बड़े विवाद के केंद्र में आ गया है। हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण और विस्तार कार्य चल रहा है, जिसमें इसके दूसरे रनवे का निर्माण शामिल है। इस नए रनवे का उद्देश्य एयरपोर्ट की यात्री क्षमता को दोगुना करना है, ताकि बढ़ती फ्लाइट संख्या को सही तरीके से संभाला जा सके। हालांकि, इस रनवे के निर्माण में एक मस्जिद आ रही है, जो अब विवाद का कारण बन गई है।
Kolkata Airport Mosque: मस्जिद को हटाने की मांग, सुरक्षा खतरे का तर्क
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह मस्जिद रनवे के पास स्थित है और इसे हटाए बिना नए रनवे का निर्माण संभव नहीं है। एएआई का कहना है कि मस्जिद के कारण यात्रियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है। इस मस्जिद के कारण रनवे का थ्रेशहोल्ड 88 मीटर खिसक गया है, जो उड़ान संचालन को प्रभावित कर सकता है, खासकर जब पहला रनवे उपलब्ध नहीं होता। एएआई ने इसे सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ी रुकावट माना है।
Kolkata Airport Mosque: बीजेपी का ममता सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप
वहीं, बीजेपी ने इस मुद्दे पर ममता बनर्जी की सरकार को घेरा है। पार्टी का आरोप है कि ममता सरकार धार्मिक तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है और इस मुद्दे में राष्ट्रीय सुरक्षा और यात्रियों की जान को प्राथमिकता नहीं दे रही है। बीजेपी के प्रवक्ता अमित मालवीय ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर अपनी राय साझा की। उन्होंने लिखा कि पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने राज्यसभा में यह सवाल उठाया था कि कोलकाता एयरपोर्ट के परिचालन क्षेत्र में स्थित मस्जिद को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं।
BJP Bengal State President Samik Bhattacharya raised a crucial question in the Rajya Sabha about the Mosque inside the operational area of Kolkata Airport and the government has now officially confirmed the obstruction.
The Ministry of Civil Aviation has admitted that:
◼️ A… pic.twitter.com/cGlBikMJs2
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 3, 2025
केंद्रीय मंत्री का बयान और सुरक्षा चिंता
मालवीय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बयान का हवाला देते हुए कहा कि मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि एयरपोर्ट के परिचालन क्षेत्र में स्थित मस्जिद दूसरे रनवे के निर्माण में रुकावट पैदा कर रही है। मंत्रालय ने कहा है कि रनवे के थ्रेशहोल्ड को 88 मीटर खिसकाने से विमान के संचालन में समस्या आ सकती है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा पर खतरा बढ़ सकता है। मालवीय ने तुष्टिकरण की राजनीति को जिम्मेदार ठहराते हुए ममता सरकार से आग्रह किया कि वह इस मामले में जल्दी और उचित कदम उठाए, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण की आवश्यकता और रनवे विस्तार
कोलकाता एयरपोर्ट की वर्तमान स्थिति में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए दूसरे रनवे की आवश्यकता समझी जा रही है। एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण और विस्तार का उद्देश्य यात्रियों की संख्या को दोगुना करना है, जिससे फ्लाइट्स के संचालन में किसी प्रकार की रुकावट न हो। नया रनवे विमान के उतरने और टेकऑफ करने के लिए अधिक जगह उपलब्ध कराएगा, और यह पुराने रनवे पर दबाव को कम करेगा। अगर मस्जिद हटाई जाती है, तो रनवे को 800 से 900 मीटर तक बढ़ाया जा सकेगा, जिससे विमान की सुरक्षा में सुधार होगा।
कोझिकोड हादसा: सुरक्षा को लेकर जागरूकता
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने कोझिकोड विमान हादसे के बाद सुरक्षा को लेकर अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। यह हादसा 2020 में हुआ था, जब एक एयर इंडिया फ्लाइट दुबई से केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट पर उतरते समय रनवे से फिसलकर घाटी में गिर गई थी। इस हादसे में 21 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा यात्री घायल हो गए थे। फ्लाइट में कुल 196 पैसेंजर सवार थे, और यह फ्लाइट “वंदे भारत मिशन” के तहत भारत लौट रहे भारतीयों को लेकर आ रही थी। इस हादसे ने एयरपोर्ट सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे, और अब कोलकाता एयरपोर्ट पर भी सुरक्षा को लेकर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
मस्जिद कमेटी का विरोध और प्रस्ताव को नकारना
इस विवाद का एक और पक्ष मस्जिद कमेटी के विरोध के रूप में सामने आया है। मस्जिद के पदाधिकारियों का कहना है कि वे किसी भी स्थिति में मस्जिद को हटाने के लिए तैयार नहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मस्जिद कमेटी के लोगों ने साफ तौर पर कहा है कि वे मस्जिद को एयरपोर्ट परिसर के बाहर या किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए राजी नहीं हैं। उनका कहना है कि यह मस्जिद धार्मिक और सामाजिक महत्व की है, और इसके हटाने के खिलाफ वे कानूनी कदम उठाने को भी तैयार हैं।
राज्य सरकार की भूमिका और भविष्य के कदम
इस मुद्दे ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच राजनीतिक टकराव को जन्म दिया है। बीजेपी का कहना है कि ममता बनर्जी को यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए, न कि धार्मिक भावनाओं के मद्देनजर इस मसले को लटकाने देना चाहिए। हालांकि, राज्य सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, और यह साफ नहीं है कि मस्जिद को हटाने या स्थानांतरित करने के लिए कोई पहल होगी या नहीं।
यात्रियों की सुरक्षा से समझौता नहीं हो सकता
कोलकाता एयरपोर्ट के दूसरे रनवे के निर्माण में मस्जिद की रुकावट ने एक गंभीर विवाद को जन्म दिया है। इस मुद्दे में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और इसे किसी भी धार्मिक या राजनीतिक दबाव के तहत नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आने वाले दिनों में इस मामले पर राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर कोई ठोस फैसला लेना होगा, ताकि एयरपोर्ट का विस्तार और रनवे निर्माण सुचारू रूप से पूरा हो सके।
