Kolkata Gangrape Case: कोलकाता लॉ कॉलेज की छात्रा से कथित गैंगरेप के मामले में तीन मुख्य आरोपियों की पुलिस हिरासत अब 8 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। वहीं, मामले में गिरफ्तार सिक्योरिटी गार्ड को 4 जुलाई तक की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। कोर्ट में पेशी के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी दलीलें रखीं, जिसमें आरोपी पक्ष के वकील ने बेहद चौंकाने वाला बयान दिया।
आरोपी के वकील का दावा
बताते चले कि, मुख्य आरोपी मनोजित मिश्रा के वकील ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि जिस प्रकार पीड़िता के शरीर पर निशान पाए गए हैं, वैसे ही निशान उनके मुवक्किल के शरीर पर भी हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी के गले पर ‘लव बाइट’ के निशान मौजूद हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि यह घटना सहमति से हुई और गैंगरेप नहीं हुआ। वकील के इस दावे ने कोर्ट रूम में मौजूद सभी लोगों को चौंका दिया।
आरोपियों को फंसाने की साजिश का आरोप
आपको बता दे कि, वकील ने कोर्ट में यह भी कहा कि उनके मुवक्किल को फंसाया जा रहा है और वह तथा अन्य आरोपी जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि जिस तरह से ‘लव बाइट’ के निशान पाए गए हैं, उससे यह साबित होता है कि मामला सहमति का हो सकता है और गैंगरेप जैसी घटना नहीं हुई। यह तर्क जमानत के समर्थन में दिया गया था, हालांकि कोर्ट ने हिरासत बढ़ाने का फैसला लिया।
पीड़िता ने लगाया कॉलेज परिसर में गैंगरेप का आरोप
24 वर्षीय पीड़िता ने आरोप लगाया है कि कॉलेज परिसर में गार्ड रूम के अंदर दो सीनियर छात्रों और एक पूर्व छात्र ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। इस मामले में मनोजित मिश्रा, प्रोमित मुखर्जी और जैब अहमद को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। बाद में सिक्योरिटी गार्ड को भी अरेस्ट किया गया, जो घटना के समय मौजूद था। मनोजित को कॉलेज प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकाल दिया है।
10 महीने में दूसरी बड़ी वारदात
गौरतलब है कि कोलकाता में बीते 10 महीनों में यह दूसरी बड़ी यौन हिंसा की घटना है। इससे पहले अगस्त 2024 में आरजी कर हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर हुआ था। उस मामले में भी देशभर में गुस्से की लहर दौड़ गई थी और पुलिस ने आरोपी सिविक वालंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट ने हाल ही में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। अब 25 जून को सामने आए इस नए मामले ने एक बार फिर शहर और देश को झकझोर दिया है।
कोलकाता लॉ कॉलेज केस अब कानूनी, सामाजिक और राजनीतिक बहस का केंद्र बन चुका है। जहां एक ओर पीड़िता न्याय की मांग कर रही है, वहीं आरोपी पक्ष की ओर से मामले को झूठा बताकर अदालत को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। अब इस केस की अगली सुनवाई और जांच की दिशा पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
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