Kolkata Gangrape Case: कोलकाता के गरियाहाट क्रॉसिंग पर शनिवार को एक कथित सामूहिक दुष्कर्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यह विरोध प्रदर्शन साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ हुए कथित दुष्कर्म की घटना को लेकर आयोजित किया गया था। भाजपा कार्यकर्ता पार्टी के झंडे लहराते हुए बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे थे।
सुकांत मजूमदार ने मीडिया से कहा…
पुलिस हिरासत में लिए जाने के बाद सुकांत मजूमदार ने मीडिया से कहा, “यह ममता बनर्जी सरकार के तहत बंगाल में लोकतंत्र का असली चेहरा है। राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है।” उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को जबरन रोका और कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया।
आरोपी के पिता ने मांगी सख्त सजा
इस बीच, घटना के एक आरोपी के पिता ने बेहद संतुलित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अगर मेरा बेटा दोषी पाया जाता है तो उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। पहले मैं एक भारतीय नागरिक हूं, उसके बाद पिता।” उन्होंने कहा कि वे कोलकाता पुलिस और न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा रखते हैं और निष्पक्ष जांच की मांग की।
भाजपा ने बनाई चार सदस्यीय जांच समिति
भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले की तत्काल जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह समिति भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर बनाई गई है। समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह, मीनाक्षी लेखी, सांसद बिप्लब देब और मनन मिश्रा को शामिल किया गया है। यह टीम घटनास्थल का दौरा कर जल्द ही अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष को सौंपेगी।
नड्डा ने राज्य की कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
पार्टी द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस घिनौनी घटना की कड़ी निंदा की है और राज्य सरकार की विफल कानून व्यवस्था पर चिंता जताई है। पार्टी ने स्पष्ट किया कि यह मामला केवल एक अपराध नहीं बल्कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा की गंभीर विफलता है।
कॉलेज गार्ड समेत चार आरोपी गिरफ्तार
कोलकाता पुलिस ने मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। शनिवार को पुलिस ने कॉलेज गार्ड पिनाकी बनर्जी (55) को भी हिरासत में लिया। इससे पहले, पुलिस ने मोनोजीत मिश्रा (31), जैब अहमद (19), और प्रमित मुखोपाध्याय (20) को गिरफ्तार किया था। तीनों आरोपी साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज के पूर्व छात्र या कर्मचारी बताए जा रहे हैं।
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में उबाल
इस घटना ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में उबाल ला दिया है। एक ओर भाजपा इसे ममता सरकार की विफलता बता रही है, वहीं दूसरी ओर आमजन इस तरह की घटनाओं से राज्य की महिला सुरक्षा पर गहरे सवाल उठा रहे हैं। अब सबकी निगाहें जांच और न्यायिक प्रक्रिया पर टिकी हैं।
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