Kolkata Geeta Path: ब्रिगेड में गीतापाठ कार्यक्रम में राज्यपाल आनंद बोस ने लिया हिस्सा! चुनाव से पहले धर्मयुद्ध का ऐलान

कोलकाता का ब्रिगेड परेड ग्राउंड बना धर्म और राजनीति का संगम! लाखों लोगों के साथ राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने किया गीता पाठ। क्या उनकी मौजूदगी ने 2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में 'धर्मयुद्ध' का ऐलान कर दिया है? क्यों इस धार्मिक कार्यक्रम में छिपी है राजनीतिक गर्मी?

Chandan Das
Kolkata Geeta Path
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Kolkata Geeta Path: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में ‘सनातन संस्कृति संसद’ द्वारा आयोजित एक विशाल गीता पाठ कार्यक्रम में राज्य के संवैधानिक प्रमुख, राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की उपस्थिति चर्चा का विषय रही। रविवार दोपहर को हुए इस धार्मिक आयोजन में राज्यपाल न केवल शामिल हुए, बल्कि उन्होंने मंच पर चढ़कर माइक्रोफ़ोन के सामने संस्कृत में गीता पाठ भी किया। यह पल इस पूरे कार्यक्रम की सबसे खास तस्वीर रही। हालांकि, योग गुरु रामदेव सहित कई अन्य स्टार हस्तियों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।

Kolkata Geeta Path: राज्यपाल ने किया मंच से गीता पाठ

राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के मंच से गीता पाठ करने के साथ ही, इस आयोजन को लेकर राजनीतिक हलकों में भी सरगर्मी तेज हो गई। भाजपा (BJP) नेताओं की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। लंबे समय बाद बंगाल भाजपा के प्रमुख नेता जैसे शमिक भट्टाचार्य, सुकांत मजूमदार, और दिलीप घोष एक ही कतार में बैठे नजर आए। इसके अलावा, विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी अपनी सीट छोड़कर जमीन पर बैठकर गीता पाठ सुनते दिखे। हालांकि, लेख में यह भी कहा गया है कि कुछ लोगों का मानना है कि भाजपा नेता इस इवेंट में बिचौलिए (go-between) की भूमिका में थे।

Kolkata Geeta Path: 5 लाख लोगों का लक्ष्य था, लेकिन भीड़ कम उमड़ी

दिसंबर के पहले रविवार को ब्रिगेड परेड ग्राउंड में इस गीता पाठ का आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के करीबी संगठन ‘सनातन संस्कृति संसद’ ने 26 दिसंबर के चुनाव से पहले हिंदुत्व के हथियार को धार देने के उद्देश्य से किया था। आयोजकों ने $5$ लाख लोगों के साथ गीता पाठ करने का लक्ष्य रखा था। हालांकि, रविवार को ब्रिगेड ग्राउंड में उमड़ी भीड़ से यह स्पष्ट था कि $5$ लाख लोग इकट्ठा नहीं हुए थे। इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक बेलडांगा रामकृष्ण मिशन के प्रमुख महाराज प्रदीप्तानंद (कार्तिक महाराज) थे, जबकि महामंडल के सदस्य ज्ञानानंदजी महाराज ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

 वेद और गीता पाठ का समय और प्रमुख वक्ताओं के संबोधन

यह विशाल आयोजन सुबह से ही शुरू हो गया। आरती के बाद सुबह 10:30 बजे वेद और गीता पाठ शुरू हुआ, जो दोपहर 12:30 बजे तक चला। इसके बाद मंच पर मौजूद आयोजकों और प्रमुख सदस्यों ने अपने विचार रखे। इस दौरान, राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने भी मंच पर आकर सभा को संबोधित किया और संस्कृत में गीता का पाठ किया।

देश-विदेश से उमड़े भक्त; सियासी लड़ाई मैदान में लड़ने की सलाह

इस गीता पाठ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सुबह से ही भक्त कोलकाता के लिए निकल पड़े थे। केवल बंगाल के अलग-अलग हिस्सों से ही नहीं, बल्कि देश और विदेश से भी भक्तों का आगमन हुआ। सुबह के समय सियालदह और हावड़ा स्टेशन सहित आस-पास के कई इलाकों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। नेपाल और बांग्लादेश से भी कई हिंदू ब्रिगेड मैदान में जुटे थे, जो बड़े साधुओं से गीता का पाठ सुनने आए थे। कुछ भक्तों ने रास्ते में लोगों को गीता वितरित की और उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। हालांकि, जानकारों के एक वर्ग के अनुसार, $26$ तारीख से पहले ऐसे धार्मिक कार्यक्रम भगवा खेमे को बहुत अधिक ऑक्सीजन नहीं दे पाएंगे और चुनावी लड़ाई अंततः मैदान में ही लड़नी होगी।

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