Kolkata Rape Case: जेपी नड्डा के निर्देश पर गठित 4 सदस्यीय जांच दल पश्चिम बंगाल रवाना, राज्य की कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल

Aanchal Singh
Kolkata Rape Case
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Kolkata Rape Case: कोलकाता के एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस संवेदनशील मामले की जांच के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी सोमवार को कोलकाता पहुंची। टीम पीड़िता से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की तह तक पहुंचने का प्रयास करेगी।

जेपी नड्डा के निर्देश पर गठित हुई जांच समिति

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व आईपीएस अधिकारी डॉ. सतपाल सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, लोकसभा सांसद बिप्लब कुमार देब और राज्यसभा सांसद मनन कुमार मिश्रा को शामिल किया गया है। यह टीम घटनास्थल का दौरा कर पीड़िता, उसके परिजन और संबंधित अधिकारियों से बातचीत करेगी।

सतपाल सिंह का बयान

टीम के कोलकाता रवाना होने से पहले डॉ. सतपाल सिंह ने कहा कि हम इस मामले में सभी पक्षों से बातचीत करेंगे और पीड़िता के परिवार से मिलकर वास्तविकता समझने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर स्थिति गंभीर है। पिछले साल आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भी ऐसी घटना हुई थी। यह चिंताजनक है कि एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं।

मुख्य आरोपी के राजनीतिक संबंधों पर सवाल

भाजपा नेताओं का कहना है कि इस मामले का मुख्य आरोपी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से जुड़ा है। इससे राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। सतपाल सिंह ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि पुलिस ने अब तक क्या कार्रवाई की है, कॉलेज परिसर में सुरक्षा के इंतजाम कैसे थे और आखिर प्रशासन ने इस मामले को दबाने की कोशिश क्यों की।

मीनाक्षी लेखी ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर उठाया सवाल

पूर्व केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि समिति इस बात की भी जांच करेगी कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को लॉ कॉलेज में प्रवेश कैसे मिल गया। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि राज्य की मुख्यमंत्री खुद एक महिला हैं और फिर भी राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी राज्य में ऐसी घटनाओं के पक्ष में नहीं हैं।

राजनीतिक बयानबाज़ी से गरमाई सियासत

भाजपा नेताओं ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच में बाधा नहीं डालेंगे और टीम को हर जरूरी स्थान तक पहुंचने की अनुमति देंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य राजनीति नहीं बल्कि सच्चाई को सामने लाना है।

कोलकाता लॉ कॉलेज में हुई इस भयावह घटना ने फिर एक बार राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा की फैक्ट फाइंडिंग टीम की जांच रिपोर्ट से यह स्पष्ट होगा कि क्या वास्तव में पीड़िता को न्याय मिल पाएगा या यह मामला भी राजनीतिक दवाब की भेंट चढ़ जाएगा।

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