Kolkata Rape Case: कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की घटना ने पूरे बंगाल को हिला कर रख दिया है। इस जघन्य अपराध के बाद राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है। विपक्षी दल भाजपा ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री और भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
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सुकांत मजूमदार ने तीखी प्रतिक्रिया दी
आपको बता दे कि, हिरासत में लिए जाने के बाद सुकांत मजूमदार ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “यह बंगाल में लोकतंत्र का असली चेहरा है। ममता बनर्जी ने राज्य में लोकतांत्रिक प्रणाली को पूरी तरह खत्म कर दिया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें और अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं को जबरन हिरासत में लिया। इस घटना को लेकर उन्होंने ममता सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने जताई गंभीर चिंता
इस गंभीर मामले को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) भी सक्रिय हो गया है। आयोग की अध्यक्ष विजया रहातकर ने इसे बेहद संवेदनशील मामला बताते हुए राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। आयोग ने बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत को पत्र लिखकर न सिर्फ तेज जांच की बात कही है, बल्कि पीड़िता और उसके परिवार से मिलने के लिए पुलिस से सहयोग भी मांगा है।
घटना सामने आते ही महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा को पत्र भेजा। पत्र में आयोग ने मांग की कि मामले की तुरंत और समयबद्ध जांच की जाए। विजया रहातकर ने कहा कि इस घटना ने देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है और इसमें कोई भी ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी।
सुवेंदु अधिकारी का ममता सरकार पर तीखा हमला
बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक महिला मुख्यमंत्री के शासन में ही महिलाएं और लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। सुवेंदु ने राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।
“राज्य में लागू हो अनुच्छेद 355, तैनात हों केंद्रीय बल”
भाजपा विधायकों का कहना है कि बंगाल में अब कानून का राज नहीं रहा। उन्होंने अनुच्छेद 355 के तहत राष्ट्रपति शासन की मांग करते हुए सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की। उन्होंने कहा, “जब तक ममता बनर्जी सत्ता में रहेंगी, तब तक ऐसे जघन्य अपराध होते रहेंगे। तृणमूल कांग्रेस दुष्कर्मियों, भ्रष्ट और राष्ट्रविरोधी तत्वों की पार्टी बन चुकी है।”
यह घटना ना केवल एक कानून व्यवस्था की विफलता का संकेत देती है, बल्कि यह दर्शाती है कि महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सियासी आरोप-प्रत्यारोप के बीच पीड़िता को न्याय मिलना प्राथमिकता होनी चाहिए।

