Lakhimpur kheri: भूमि पैमाइश घोटाले में एक IAS और तीन PCS अधिकारियों पर गिरी गाज

लखीमपुर खीरी के सदर से भाजपा विधायक योगेश वर्मा ने इस मामले में राज्य सरकार से शिकायत की थी। शिकायत के बाद तत्काल जांच शुरू की गई।

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Lakhimpur kheri News: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में खेतों की पैमाइश के लंबित मामलों में लापरवाही बरतने पर राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाया है। इस मामले में एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। ये सभी अधिकारी वर्तमान में विभिन्न जिलों में तैनात थे। इसके साथ ही, तीन पीसीएस अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।

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आईएएस और पीसीएस अधिकारियों पर की कार्रवाई

लखनऊ मंडल के अपर आयुक्त आईएएस धनश्याम सिंह के साथ बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह, और बुलंदशहर की एसडीएम रेनु को निलंबित किया गया है। इन अधिकारियों पर लखीमपुर खीरी में तैनाती के दौरान भूमि पैमाइश से जुड़े मामलों में ढिलाई बरतने का आरोप है। शासन ने जांच के बाद इन्हें दोषी पाए जाने पर यह कार्रवाई की है।

भाजपा विधायक की शिकायत बनी सख्त कदम उठाने का कारण

लखीमपुर खीरी के सदर से भाजपा विधायक योगेश वर्मा ने इस मामले में राज्य सरकार से शिकायत की थी। शिकायत के बाद तत्काल जांच शुरू की गई। नियुक्ति विभाग ने इस मामले में जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की, जिसमें यह जानने का प्रयास किया गया कि 2019 से अब तक किस-किस अधिकारी ने तैनाती के दौरान भूमि पैमाइश से संबंधित मामले कैसे निपटाए। डीएम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में चारों अधिकारियों को दोषी पाया गया, जिसके बाद शासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन अफसरों को निलंबित कर दिया।

वायरल वीडियो से सामने आई पैमाइश में भ्रष्टाचार की सच्चाई

24 अक्तूबर को लखीमपुर खीरी के विधायक योगेश वर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें वह स्कूटी पर सवार होकर कलक्ट्रेट परिसर की ओर जा रहे थे। इस वीडियो में वह सड़क पर ही एसडीएम से लेकर कानूनगो तक की शिकायत करते नजर आए। उन्होंने रिटायर्ड शिक्षक विश्वेश्वर दयाल की भूमि पैमाइश के लिए रिश्वत में 5000 रुपये लिए जाने का आरोप लगाया था और यह भी कहा कि इस रिश्वत की राशि को तुरंत लौटाया जाए।

विधायक के इस बयान ने पैमाइश में भ्रष्टाचार की पोल खोल दी, जिसके बाद शासन ने सख्त एक्शन लेने का फैसला किया। जनता के बीच प्रशासन के प्रति विश्वास कायम रखने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए इस सख्त कदम की व्यापक सराहना हो रही है। लखीमपुर खीरी में विधायक द्वारा उठाए गए इस मुद्दे ने अन्य जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी एक नजीर पेश की है।

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