Australian Open 2025: भारत के स्टार पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने आखिरकार अपने खिताबी सूखे को खत्म कर दिया है। उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर 500 के फाइनल मुकाबले में जापान के युशी तनाका को सीधे दो सेटों में हराकर चैंपियनशिप अपने नाम की। लक्ष्य सेन पिछले कुछ समय से कई बड़े टूर्नामेंटों के फाइनल तक पहुँच रहे थे, लेकिन जीत हासिल करने से चूक जा रहे थे। इस जीत के साथ, उन्होंने साल 2025 में अपना पहला बीडब्ल्यूएफ (BWF) टाइटल जीता। यह उनके करियर का तीसरा सुपर 500 खिताब भी है, जो उनकी बढ़ती हुई अंतरराष्ट्रीय पहुँच को दर्शाता है। यह जीत न केवल उनके लिए बल्कि भारतीय बैडमिंटन प्रशंसकों के लिए भी बड़ी राहत लेकर आई है।
38 मिनट में जापानी खिलाड़ी पर हावी हुए भारतीय शटलर
बताते चले कि, ऑस्ट्रेलियन ओपन (Australian Open) के फाइनल मैच में लक्ष्य सेन ने जापान के युशी तनाका पर शुरू से ही अपना दबदबा बनाए रखा। लक्ष्य ने यह खिताबी मुकाबला जीतने में केवल 38 मिनट का समय लिया।
सीधे सेटों में लक्ष्य की निर्णायक जीत
- पहला सेट: लक्ष्य ने आक्रामक खेल दिखाते हुए पहला सेट 21-15 के स्कोर से आसानी से अपने नाम किया, जिससे उन्हें मैच में 1-0 की महत्वपूर्ण बढ़त मिली।
- दूसरा सेट: दूसरे सेट में भी लक्ष्य की फॉर्म बरकरार रही। उन्होंने युशी तनाका को वापसी का कोई मौका नहीं दिया और इस सेट को 21-11 के बड़े अंतर से जीतकर, सीधे सेटों में मैच और सुपर 500 का खिताब अपने नाम कर लिया।
लक्ष्य ने अपनी जीत का जश्न भी अनोखे अंदाज़ में मनाया: उन्होंने अपने दोनों कानों को बंद करके आँखें बंद कर लीं। इस कदम को आलोचकों को एक मूक संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है, जो उनके हालिया फॉर्म पर सवाल उठा रहे थे।
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2025 की शुरुआत में संघर्ष
लक्ष्य सेन के लिए साल 2025 की शुरुआत उतनी अच्छी नहीं रही थी। पिछले साल ओलंपिक में मेडल से चूकने के बाद, उन्हें वापस से अपना सर्वश्रेष्ठ फॉर्म हासिल करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। हालांकि, साल 2025 के आखिरी महीनों में उनके प्रदर्शन में काफी सुधार देखने को मिला।
हांगकांग फाइनल की निराशा को भूला
इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद, वह हांगकांग सुपर 500 के फाइनल मुकाबले में हार गए थे और खिताब जीतने से चूक गए थे। लेकिन ऑस्ट्रेलियन ओपन (Australian Open) में उन्होंने कोई गलती नहीं की और अपनी निरंतरता को कायम रखते हुए अंततः इस महत्वपूर्ण बीडब्ल्यूएफ खिताब को अपने नाम करने में सफल रहे। यह जीत उनके लिए आने वाले बड़े टूर्नामेंटों के लिए एक बड़ी आत्मविश्वास बढ़ाने वाली साबित होगी।
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