लालू का नया ठिकाना—क्या बदलने वाली है RJD की राजनीति की दिशा?

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पटना 
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव पटना में एक नए घर में शिफ्ट हो गए हैं, जहां आने-जाने वालों के लिए सख्त प्रोटोकॉल लागू किया गया है। यह उनके पिछले आवासों से बिल्कुल अलग है, जहां खुले राजनीतिक केंद्र की तरह काम होता था। बताया गया कि सेहत और रिकवरी की जरूरतों को देखते हुए बदलाव किया गया। यह फैसला आरजेडी की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत देता है। अब विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ही ज्यादातर काम संभाल रहे हैं।
 
लालू यादव का आवास उनके पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान 1, अणे मार्ग पर था। बाद में राबड़ी देवी के नेतृत्व में यह 10, सर्कुलर रोड पर शिफ्ट हुआ। दोनों ही ठिकाने सुलभ राजनीतिक केंद्रों के रूप में कार्य करते थे। यहां पर समर्थकों, ग्रामीणों, पत्रकारों, पार्टी कार्यकर्ताओं और मंत्रियों को बिना किसी पाबंदी के आने-जाने की इजाजत थी। आवास में अक्सर भीड़ देखी जाती थी। 1, अणे मार्ग सार्वजनिक शिकायत केंद्र की तरह था, जहां बिहार भर से लोग रोजाना याचिकाएं लेकर आते थे। पत्रकार सुबह से ही इकट्ठा हो जाते थे और मंत्रियों को बिना अपॉइंटमेंट के पहुंच मिलती थी। इसके बाद 10, सर्कुलर रोड पर भी गेट 24 घंटे खुले रहते थे।

RJD के भीतर कितना कुछ बदल रहा
इसके विपरीत, नए घर में आने वालों की सख्त जांच की जाती है। पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए पहले से इजाजत लेना जरूरी है। साथ ही, अनियोजित बैठकों से बचा जाता है। फिलहाल लालू यादव के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा रही है, जहां मेडिकल टीम के दौरे होते हैं और शांति व विश्राम पर फोकस रहता है। राजनीतिक चर्चाएं कम होती जा रही हैं। यह सब आरजेडी के भीतर पीढ़ीगत बदलाव को दर्शाता है। पार्टी के सीनियर कार्यकर्ताओं के लिए यह बदलाव भावुकता भी पैदा करता है, जो लालू यादव के खुले दरवाजे वाली राजनीति से जुड़े रहे हैं। साफ है कि बिहार की राजनीति का एक प्रमुख केंद्र परिवर्तन की राह पर है।

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