Pilibhit News: पीलीभीत जिला न्यायालय (Pilibhit District Court) परिसर मंगलवार को उस समय दहशत में आ गया जब एक अधिवक्ता पर धारदार हथियार से हमला कर दिया गया। बरखंडी गांव निवासी अधिवक्ता ओमपाल वर्मा पुराने हत्या के मुकदमे में पेशी के लिए कोर्ट पहुंचे थे, तभी दो लोगों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया।
वादी पक्ष से जुड़े दो लोगों पर हमले का आरोप
सूत्रों के अनुसार, हमला वादी पक्ष से जुड़े बृजनंदन और सुरेंद्र नामक दो व्यक्तियों ने किया। ये दोनों अधिवक्ता ओमपाल वर्मा के पुराने हत्या के मुकदमे से जुड़े बताए जा रहे हैं। अचानक हुए इस हमले से कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावर बिना किसी बहस या विवाद के सीधे वकील के पास पहुंचे और धारदार हथियार से सिर और हाथ पर ताबड़तोड़ वार किए। हमला इतना अचानक और तेज था कि ओमपाल वर्मा मौके पर ही गिर पड़े और खून से लथपथ हो गए।
आरोपी फरार, घायल अधिवक्ता अस्पताल में भर्ती
आपको बता दे कि, घटना के बाद मौजूद अधिवक्ताओं और कर्मचारियों ने घायल ओमपाल वर्मा को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि उनके सिर में गहरी चोटें और हाथ में गंभीर जख्म हैं, हालांकि हालत फिलहाल स्थिर है। सूचना मिलते ही शहर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल की जांच की। शहर कोतवाल सत्येंद्र कुमार ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
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अधिवक्ता पर पहले से दर्ज है हत्या का मामला
बताया जा रहा है कि अधिवक्ता ओमपाल वर्मा खुद भी एक पुराने हत्या के मामले में आरोपी हैं और उसी केस की तारीख पर पेशी के लिए कोर्ट आए थे। हमला करने वाले आरोपी इसी मुकदमे के वादी पक्ष से जुड़े बताए जा रहे हैं, जिससे मामले की संवेदनशीलता और बढ़ गई है।
वकील संघ ने जताया आक्रोश, सुरक्षा बढ़ाने की मांग
न्यायालय परिसर में हुई इस हिंसक घटना से अधिवक्ताओं और कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। वकील संघ ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि न्यायालय जैसी सुरक्षित जगह में इस तरह की वारदात चिंताजनक है। संघ ने न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग की है।
पुलिस ने दी कार्रवाई का भरोसा, जांच जारी
पुलिस अधिकारियों ने वकीलों को भरोसा दिलाया है कि हमलावरों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है और CCTV फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। यह वारदात न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है बल्कि न्यायालय परिसर की सुरक्षा को लेकर भी नई बहस छेड़ती है। वकीलों का कहना है कि जब कोर्ट में भी सुरक्षित नहीं हैं, तो इंसाफ की उम्मीद कहां करें।
