Prime TV

FOLLOW US ON :

Sign In
WATCH LIVE TV
  • वेब स्टोरीज
  • वीडियो
  • होम
  • देश
  • राज्य
    • Delhi
    • Uttarakhand
    • Punjab
    • Madhya Pradesh
    • Chhattisgarh
    • Bihar
    • Haryana
    • Maharashtra
    • Rajasthan
  • उत्तर प्रदेश
  • प्राइम चौपाल
  • आईपीएल 2025
  • विदेश
  • अपराध
  • खेल
  • शिक्षा / कैरियर
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • धर्म
  • टेक्नोलॉजी
  • बिजनेस
  • वायरल वीडियो
  • अन्य
    • लाइफस्टाइल
    • वेब स्टोरी
    • इतिहास
    • शख्सियत
Reading: लोकसभा चुनाव 2024: जानें उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की संसदीय सीट का इतिहास…
Share
Font ResizerAa
Prime TVPrime TV
Font ResizerAa
  • होम
  • देश
  • Uttar Pradesh
  • International News
  • वेब स्टोरी
  • Crime
  • Entertainment
  • Sports
  • Technology
  • धर्म
  • Business
  • Bihar
Search
  • होम
  • देश
  • राज्य
    • Delhi
    • Uttarakhand
    • Punjab
    • Madhya Pradesh
    • Chhattisgarh
    • Bihar
    • Haryana
    • Maharashtra
    • Rajasthan
  • उत्तर प्रदेश
  • प्राइम चौपाल
  • आईपीएल 2025
  • विदेश
  • अपराध
  • खेल
  • शिक्षा / कैरियर
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • धर्म
  • टेक्नोलॉजी
  • बिजनेस
  • वायरल वीडियो
  • अन्य
    • लाइफस्टाइल
    • वेब स्टोरी
    • इतिहास
    • शख्सियत
Follow US
  • Advertise
© Prime TV. All Rights Reserved.
Prime TV > देश > Delhi > लोकसभा चुनाव 2024: जानें उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की संसदीय सीट का इतिहास…
DelhiInternational NewsPackageUttar Pradeshइतिहासदेश

लोकसभा चुनाव 2024: जानें उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की संसदीय सीट का इतिहास…

Laxmi Mishra
Last updated: सितम्बर 26, 2023 5:55 अपराह्न
By Laxmi Mishra 2 वर्ष पहले
Share
SHARE

लोकसभा चुनाव : कुछ ही महीनों में आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी की नजरें बनी हुई हैं कि कौन कितना दांव मारेगा यह तो अभी तय नहीं किया जा सकता मगर चुनाव को लेकर अगर तैयारियों की बात करें तो वो तो जोरशोर से चल रही हैं। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अभी से सभी दलों ने तैयारीयां शुरू कर दी हैं और अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। वहीं अगर देखा जाए तो लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी अहमियत होती है, क्योंकि यूपी में बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक यानि की 80 सीटें हैं और कहा जाता हैं केंन्द्र की सरकार का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही जाता हैं।

Read More: लोकसभा चुनाव 2024: जानें सत्‍यदेव पचौरी का राजनीतिक शुरुआत

प्रयागराज का इतिहास

यूपी की 80 सीटों में प्रयागराज बड़े जनपदों में से एक हैं। यह संगम नगरी गंगा, यमुना, और गुप्त सरस्वती नदी के संगम पर स्थित हैं जिसे त्रिवेणी भी कहा जाता हैं। यह स्थल हिन्दुओं के लिए विशेषकर पवित्र स्थल है। प्रयाग में आर्यों की प्रारंभिक बस्तियां स्थापित हुई थी। कहा जाता हैं कि “प्रयागस्य पवेशाद्वै पापं नश्यति: तत्क्षणात्।” यानि की प्रयाग में प्रवेश मात्र से ही समस्त पाप कर्म का नाश हो जाता है।

वहीं प्रयागराज का जो अतीत गौरवशाली और वर्तमान भारत के ऐतिहासिक एवं पौराणिक नगरों में से एक है। यह हिंदू, मुस्लिम, सिख, जैन एवं ईसाई समुदायों की मिश्रित संस्कृति का शहर है। हिन्दू मान्यता की माने तो यहां सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना पूरी करने के बाद यहां प्रथम यज्ञ किया था। इसी प्रथम यज्ञ के प्र और याग अर्थात यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना और उस स्थान का नाम प्रयाग पड़ा। इस पावन नगरी के अधिष्ठाता भगवान श्री विष्णु स्वयं हैं और वे यहाँ माधव रूप में विराजमान हैं।

Read More: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जानें यह जानकारी…

बतादें कि प्रयाग में भगवान के बारह स्वरूप विध्यमान हैं। जिन्हें द्वादश माधव कहा जाता है। सबसे बड़े हिन्दू सम्मेलन महाकुंभ की चार स्थलियों में से एक है, बाकि के तीन हरिद्वार, उज्जैन और नासिक हैं। प्रयाग का स्थल त्रिवेणी संगम कहलाता है, जहां प्रत्येक बारह वर्ष में कुंभ मेला लगता है। यह तीर्थ बहुत प्राचीन काल से प्रसिद्ध है और यहाँ के जल से प्राचीन राजाओं का अभिषेक होता था। इस बात का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में है। वन जाते समय श्री राम प्रयाग में भारद्वाज ऋषि के आश्रम पर होते हुए गए थे।

प्रजापति की जन्मस्थली प्रयाग

प्रयाग सोम, वरूण तथा प्रजापति की जन्मस्थली है। प्रयाग का वर्णन वैदिक तथा बौद्ध शास्त्रों के पौराणिक पात्रों के सन्दर्भ में भी रहा है। यह महान ऋषि भारद्वाज, ऋषि दुर्वासा तथा ऋषि पन्ना की ज्ञानस्थली थी। ऋषि भारद्वाज यहां लगभग 5000 ई०पू० में निवास करते हुए 10000 से अधिक शिष्यों को पढ़ाया। वह प्राचीन विश्व के महान दार्शनिक थें। वर्तमान झूंसी क्षेत्र, जो कि संगम के बहुत करीब है, चंद्रवंशी (चंद्र के वंशज) राजा पुरुरव का राज्य था। पास का कौशाम्बी क्षेत्र वत्स और मौर्य शासन के दौरान समृद्धि से उभर रहा था। 643 ई० में चीनी यात्री हुआन त्सांग ने पाया कि कई हिंदुओं द्वारा प्रयाग का निवास किया जाता था जो इस जगह को अति पवित्र मानते थे।

Read More: लोकसभा चुनाव 2024: जानें कानपुर का चुनावी इतिहास

प्रयाग में राजाओं के राज

प्रयाग बहुत दिनों तक कोशल राज्य के अंतर्गत था। अशोक आदि बौद्ध राजाओं के समय यहाँ बौद्धों के अनेक मठ और विहार थे। अशोक का स्तंभ अबतक किले के भीतर खड़ा है जिसमें समुद्रगुप्त की प्रशस्ति खुदी हुई है। फाहियान नामक चीनी यात्री सन् 414 ई० में आया था। उस समय प्रयाग कोशल राज्य में ही लगता था। प्रयाग के उस पार ही प्रतिष्ठान नामक प्रसिद्ध दुर्ग था जिसे समुद्रगुप्त ने बहुत द्दढ़ किया था। प्रयाग का अक्षयवट बहुत प्राचीन काल से प्रसिद्ध चला आता है। चीनी यात्री हुएन्सांग ईसा की सातवीं शताब्दी में भारतवर्ष में आया था। उसने अक्षयवट को देखा था। आज भी लाखों यात्री प्रयाग आकर इस वट का दर्शन करते है जो सृष्टि के आदि से माना जाता है।

वर्तमान रूप में जो पुराण में मिलते हैं उनमें मत्स्यपुराण बहुत प्राचीन और प्रामाणिक माना जाता है। इस पुराण के 102 अध्याय से लेकर 107 अध्याय तक में इस तीर्थ के माहात्म्य का वर्णन है। उसमें लिखा है कि प्रयाग प्रजापति का क्षेत्र है जहाँ गंगा और यमुना बहती हैं। साठ सहस्त्र वीर गंगा की और स्वयं सूर्य जमुना की रक्षा करते हैं। यहाँ जो वट है उसकी रक्षा स्वयं शूलपाणि करते हैं। पाँच कुंड हैं जिनमें से होकर जाह्नवी बहती है।

Read More: लोकसभा चुनाव 2024: जानें लखनऊ के सांसद का राजनीतिक सफर

माघ महीने में यहाँ सब तीर्थ आकर वास करते हैं। इससे उस महीने में इस तीर्थवास का बहुत फल है। संगम पर जो लोग अग्नि द्वारा देह विसर्जित करते हैं, वे जितने रोम हैं उतने सहस्र वर्ष स्वर्ग लोक में वास करते हैं। मत्स्य पुराण के उक्त वर्णन में ध्यान देने की बात यह है कि उसमें सरस्वती का कहीं उल्लेख नहीं है जिसे पीछे से लोगों ने ‘त्रिवेणी’ के भ्रम में मिलाया है। वास्तव में गंगा और जमुना की दो ओर से आई हुई धाराओं और एक दोनों की संमिलित धारा से ही त्रिवेणी हो जाती है।

प्रयाग कैसे बना इलाहाबाद

1858 ई० में आजादी के प्रथम संग्राम 1857 के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने मिंटो पार्क में आधिकारिक तौर पर भारत को ब्रिटिश सरकार को सौंप दिया था। इसके बाद शहर का नाम इलाहाबाद रखा गया तथा इसे आगरा-अवध संयुक्त प्रांत की राजधानी बना दिया गया। 1868 ई० — प्रयागराज न्याय का गढ़ बना जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना हुई।

आपको बतादें कि 1575 ई० में संगम के सामरिक महत्व से प्रभावित होकर सम्राट अकबर ने “इलाहाबास” के नाम से शहर की स्थापना की जिसका अर्थ “अल्लाह का शहर” है। मध्ययुगीन भारत में शहर का सम्मान भारत के धार्मिक-सांस्कृतिक केंद्र के तौर पर था। एक लंबे समय के लिए यह मुगलों की प्रांतीय राजधानी थी, जिसे बाद में मराठाओं द्वारा कब्जा कर लिया गया था। वहीं 1801 ई० में इस शहर का ब्रिटिश इतिहास शुरू हुआ जब अवध के नवाब ने इसे ब्रिटिश शासन को सौंप दिया। ब्रिटिश सेना ने अपने सैन्य उद्देश्यों के लिए किले का इस्तेमाल किया। जिसके बाद 1857 ई० में यह शहर आजादी के युद्ध का केंद्र था और बाद में अंग्रेजों के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का गढ़ बन गया।

Read More: लोकसभा चुनाव 2024: जानें मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर का राजनीति सफर

1858 ई० में आजादी के प्रथम संग्राम 1857 के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने मिंटो पार्क में आधिकारिक तौर पर भारत को ब्रिटिश सरकार को सौंप दिया था। इसके बाद शहर का नाम इलाहाबाद रखा गया तथा इसे आगरा-अवध संयुक्त प्रांत की राजधानी बना दिया गया। 1868 ई० में प्रयागराज न्याय का गढ़ बना, फिर 1871 ई० में ब्रिटिश वास्तुकार सर विलियम ईमरसन ने कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल डिजाइन करने से तीस साल पहले आल सैंट कैथेड्रल के रूप में एक भव्य स्मारक की स्थापना की। 1887 ई० इलाहाबाद विश्वविद्यालय चौथा सबसे पुराना विश्वविद्यालय था। प्रयागराज भारतीय स्थापत्य परंपराओं के साथ संश्लेषण में बने कई विक्टोरियन और जॉर्जियाई भवनों में समृद्ध रहा है।

प्रयागराज ने सबसे बड़ी संख्या में प्रधान मंत्री पद प्रदान किया

प्रयागराज ब्रिटिश राज के खिलाफ भारतीय स्वाधीनता आंदोलन का केंद्र था जिसका आनंद भवन केंद्र बिंदु था। इलाहाबाद में महात्मा गांधी ने भारत को मुक्त करने के लिए अहिंसक विरोध का कार्यक्रम प्रस्तावित किया था। प्रयागराज ने स्वतंत्रता के पश्चात भारत की सबसे बड़ी संख्या में प्रधान मंत्री पद प्रदान किया है –जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, वी.पी.सिंह। पूर्व प्रधान मंत्री चंद्रशेखर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र थे।

Read More: लोकसभा चुनाव 2024: जानें उन्नाव सीट का चुनावी इतिहास

प्रयागराज मूल रूप से एक प्रशासनिक और शैक्षिक शहर है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय, उत्तर प्रदेश के महालेखा परीक्षक, रक्षा लेखा के प्रमुख नियंत्रक (पेंशन) पीसीडीए, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद, पुलिस मुख्यालय, मोती लाल नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान, मेडिकल और कृषि कॉलेज, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी), आईटीआई नैनी और इफ्को फुलपुर, त्रिवेणी ग्लास यहां कुछ प्रमुख संस्थान हैं। सभ्यता के प्राम्भ से ही प्रयागराज विद्या, ज्ञान और लेखन का गढ़ रहा है। यह भारत का सबसे जीवंत राजनीतिक तथा आध्यात्मिक रूप से जागरूक शहर है।

जातीय समीकरण

बात करें अगर जातीय समीकरण की तो इलाहाबाद संसदीय सीट पर सवा लाख यादव, दो लाख मुस्लिम, दो लाख दस हजार कुर्मी, दो लाख 35 हजार ब्राह्मण, पचास हजार ठाकुर-भूमिहार, ढ़ाई लाख दलित, एक लाख कोल, डेढ़ लाख वैश्य, 80 हजार मौर्या और कुशवाहा, चालीस हजार पाल, एक लाख 25 हजार निषाद बिंद, एक लाख विश्वकर्मा और प्रजापति व अन्य वोटर हैं।

Read More: लोकसभा चुनाव 2024: जानें साक्षी महाराज का राजनीतिक सफर

प्रयागराज के लोकसभा के सदस्य

1952 श्रीप्रकाश- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1952^ पुरूषोत्तम दास टंडन – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1957 लाल बहादुर शास्त्री -भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962 लाल बहादुर शास्त्री -भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967 हरि कृष्ण शास्त्री -भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971 हेमवती नंदन बहुगुणा -भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1974^ (बहुगुणा 1974 में यूपी के सीएम थे उपचुनाव 1974 परिणाम ज्ञात नहीं)
1977 जनेश्वर मिश्र – जनता पार्टी
1980 विश्वनाथ प्रताप सिंह – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1980^ कृष्ण प्रकाश तिवारी -भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1984 अमिताभ बच्चन – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1988^ विश्वनाथ प्रताप सिंह – स्वतंत्र
1989 जनेश्वर मिश्र – जनता दल
1991 सरोज दुबे – जनता दल
1996 मुरली मनोहर जोशी – भारतीय जनता पार्टी
1998 मुरली मनोहर जोशी – भारतीय जनता पार्टी
1999 मुरली मनोहर जोशी – भारतीय जनता पार्टी
2004 रेवती रमण सिंह – समाजवादी पार्टी
2009 रेवती रमण सिंह – समाजवादी पार्टी
2014 श्यामा चरण गुप्ता – भारतीय जनता पार्टी
2019 रीता बहुगुणा जोशी – भारतीय जनता पार्टी

प्रयागराज की सांसद

प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय एचएन बहुगुणा की बेटी हैं, उनकी मां स्वर्गीय कमला बहुगुणा पूर्व सांसद थीं। उन्होंने इतिहास में एमए और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है और वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास में प्रोफेसर हैं। वह “दक्षिण एशिया की सबसे प्रतिष्ठित महिला मेयर” में से एक के रूप में संयुक्त राष्ट्र उत्कृष्टता पुरस्कार की प्राप्तकर्ता भी हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होने से पहले उन्होंने दो इतिहास की किताबें लिखीं। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास की प्रोफेसर भी थीं।

रीता बहुगुणा ने 2003 से 2008 तक अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष के रूप में भारतीय महिलाओं के पक्ष में काम किया है। वह जमीनी स्तर पर महिला आंदोलन में शामिल थीं और उन्होंने महिलाओं के लिए कई सेमिनार, प्रदर्शन आदि का आयोजन किया था।

Read More: लोकसभा चुनाव 2024: जानें घोसी के सांसद अतुल राय का सफरनामा

रीता बहुगुणा जोशी 1995-2000 इलाहाबाद की मेयर बनीं। फिर 2003 2007 तक अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रही। 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रही, फिर 2009 में यूपी की मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए रीता बहुगुणा जोशी को मुरादाबाद जेल भेजा गया था। 2012 लखनऊ छावनी विधानसभा क्षेत्र से विधान सभा की सदस्‍या के रूप में निर्वाचित हुईं।

जिसके बाद 2014 लोकसभा चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लखनऊ से असफल रहीं। वहीं 2016 में कांग्रेस पार्टी में 24 साल बिताने के बाद, वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं। 2017 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रीता बहुगुणा लखनऊ कैंट सीट चुनाव लड़ी जिसमें उन्होंने मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को सिर्फ 33,796 वोटों के अंतर से पराजित किया। बाद में उन्हें योगी कैबिनेट में कल्याण, परिवार और बाल कल्याण मंत्री व पर्यटन मंत्री के रूप में शामिल किया गया। 2019 के आम चुनाव में उत्तर प्रदेश की प्रयागराज लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के

You Might Also Like

Congress को झटके पर झटका!कब लगेगा विराम?इस्तीफा दिया अब BJP में शामिल हुए रोहन गुप्ता

Eknath Shinde को मनाने में क्यों जुटी BJP?Devendra Fadnavis CM बने तो कैसे डैमेज कंट्रोल करेगी भाजपा

उद्धव ठाकरे और सुनीता केजरीवाल की मुलाकात… क्या AAP महाराष्ट्र में MVA में शामिल होगी?

Hardoi में रिश्तों का कत्ल,हिस्ट्रीशीटर बेटे ने बाप को उतारा मौत के घाट,ईंट से कूच कर की हत्या..

गाजियाबाद में कलयुगी बेटे ने मां को उतारा मौत के घाट… 

TAGGED:history of the parliamentary seatlucknowupnewsUttar Pradeshउत्तर प्रदेश की खबरेंप्रयागराजलोकसभा चुनाव 2024संसदीय सीट का इतिहास
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Reddit Telegram Email Print
What do you think?
Love0
Cry0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Previous Article लोक अदालत से समय व धन दोनों की होती हैं बचत- ज़िला जज
Next Article फतेहपुर से एक बेहद शर्मनाक घटना आई सामने

लेटेस्ट

Ank Jyotish 2025
Ank Jyotish 19 june 2025: 1 से लेकर 9 तक के लिए कैसा होगा आज का दिन? यहां देखें गुरुवार का अंक ज्योतिष
16 घंटे पहले
Bihar Weather
Bihar Weather: बिहार में अगले दो दिन भारी बारिश का खतरा, इन तीन जिलों में अलर्ट जारी, जानिए आपके शहर में कैसा रहेगा मौसम?
23 मिनट पहले
Aaj Ka Love Rashifal
Aaj Ka Love Rashifal: लव लाइफ के लिए कैसा होगा गुरुवार का दिन? देखें आज का लव राशिफल
16 घंटे पहले
aaj ka rashifal
Aaj Ka Rashifal 19-06-2025: मेष, मिथुन और मकर राशि के लिए लाभदायक दिन, जानें अपना आज का भविष्यफल
16 घंटे पहले
Aaj Ka Panchang 2025
Aaj Ka Panchang 2025: पानी है कार्यों में सफलता, तो शुभ मुहूर्त में करें काम… देखें आज का पंचांग
16 घंटे पहले
Ayatollah Ali Khamenei
Ayatollah Ali Khamenei : अयातुल्ला अली खामेनेई की मौत के बाद कौन होगा उत्तराधिकारी ?
12 घंटे पहले

Latest News in Hindi

Ank Jyotish 19 june 2025: 1 से लेकर 9 तक के लिए कैसा होगा आज का दिन? यहां देखें गुरुवार का अंक ज्योतिष

Bihar Weather: बिहार में अगले दो दिन भारी बारिश का खतरा, इन तीन जिलों में अलर्ट जारी, जानिए आपके शहर में कैसा रहेगा मौसम?

Aaj Ka Love Rashifal: लव लाइफ के लिए कैसा होगा गुरुवार का दिन? देखें आज का लव राशिफल

Aaj Ka Rashifal 19-06-2025: मेष, मिथुन और मकर राशि के लिए लाभदायक दिन, जानें अपना आज का भविष्यफल

Aaj Ka Panchang 2025: पानी है कार्यों में सफलता, तो शुभ मुहूर्त में करें काम… देखें आज का पंचांग

Ayatollah Ali Khamenei : अयातुल्ला अली खामेनेई की मौत के बाद कौन होगा उत्तराधिकारी ?

Top Section

  • देश
  • Uttar Pradesh
  • International News
  • Breaking News
  • Crime
  • धर्म
  • Entertainment
  • Sports
  • Business
  • Delhi
  • Bihar
  • Education/Career
  • Technology
  • Health
  • Weather
  • आज का राशिफल
  • Madhya Pradesh
  • Lifestyle
  • अन्य खबरें
  • Maharashtra
  • Rajasthan
  • Uttarakhand
  • IPL 2025
  • Jammu & Kashmir
  • Chhattisgarh
  • प्रयागराज
  • Punjab
  • महाकुंभ 2025
  • इतिहास
  • लखनऊ
  • Pakistan
  • Kolkata
  • Haryana
  • Package
  • Jharkhand

State

  • उत्तर प्रदेश
  • उत्तराखण्ड
  • कर्नाटक
  • कोलकाता
  • छत्तीसगढ़
  • गुजरात
  • जम्मू कश्मीर
  • झारखंड
  • तमिलनाडु
  • दिल्ली
  • पंजाब
  • बिहार
  • भोपाल
  • मध्यप्रदेश
  • राजस्थान
  • हरियाणा

Connect with us

Subscribe on Youtube

Download APP

  • Advertise with us
  • About us
  • Privacy Policy
  • Terms and Condition
  • Disclaimer
  • Contact us
Copyright © 2023 Prime TV India . All Rights Reserved.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?