Lucknow News: लखनऊ के कुम्हरावा स्थित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में शनिवार की शाम 16 छात्राएं फूड प्वाइजनिंग (food poisoning) का शिकार हो गईं। सभी छात्राओं ने राजमा-चावल खाया था, जिसके बाद उन्हें पेट दर्द, उल्टियां और चक्कर आने जैसी शिकायतें होने लगीं। छात्राओं की हालत बिगड़ते ही आनन-फानन में 6 एंबुलेंस की मदद से उन्हें इटौंजा के सीएचसी और राम सागर मिश्र हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
प्रशासनिक अधिकारियों ने की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही छात्राओं के बीमार होने की सूचना मिली, प्रशासनिक अधिकारी और विद्यालय के शिक्षक तुरंत मौके पर पहुंचे। लखनऊ के सीडीओ रामसागर मिश्रा ने अस्पताल पहुंचकर छात्राओं की हालत का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की देखरेख में सभी छात्राओं की तबीयत में सुधार हो रहा है।
इलाज के दौरान एक-एक बेड पर दो-दो छात्राएं
छात्राओं की संख्या अधिक होने के चलते अस्पताल के सभी बेड भर गए, जिसके चलते एक-एक बेड पर दो-दो छात्राओं को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है। स्कूल की प्रधानाचार्या ने बीमार छात्राओं की सूचना खंड शिक्षा अधिकारी बीकेटी प्रीति शुक्ला को दी, जिन्होंने एआरपी अनुराग सिंह राठौर के साथ अस्पताल पहुंचकर छात्राओं का हाल-चाल लिया। उन्होंने बताया कि सभी छात्राएं सुरक्षित हैं और उनकी स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है।
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राजमा-चावल खाने के बाद बिगड़ी तबीयत
कस्तूरबा विद्यालय की छात्राओं ने शनिवार शाम को भोजन में राजमा-चावल खाया था। भोजन के बाद कक्षा आठ और सात की 16 छात्राओं ने पेट दर्द और उल्टी की शिकायत की। बीमार होने वाली छात्राओं में शीतल, प्रियांशी, गरिमा, शांति, शालिनी, खुशी और गीता सहित अन्य छात्राएं शामिल हैं। इन छात्राओं को पहले सीएचसी ले जाया गया, जहां से उन्हें राम सागर मिश्र हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया।
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फूड प्वाइजनिंग की आशंका
सीएचसी इटौंजा के अधीक्षक जेपी सिंह ने बताया कि छात्राओं को उल्टियां हो रही थीं और उनकी बीमार होने की वजह फूड प्वाइजनिंग हो सकती है। उन्होंने कहा कि छात्राओं ने शाम को राजमा-चावल खाने के अलावा आयरन की टेबलेट भी ली थी, जो इस स्थिति का कारण हो सकती है। फिलहाल, डॉक्टर छात्राओं का इलाज कर रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। अस्पताल में भर्ती सभी छात्राओं की हालत अब स्थिर है और उनके स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। हालांकि, प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग इस मामले की जांच कर रहे हैं कि आखिर किस कारण से इतनी बड़ी संख्या में छात्राएं बीमार हुईं।

