Lucknow News: यूपी की राजधानी लखनऊ में एटीएस ने एक अवैध बांग्लादेशी महिला नरगिस अख्तर उर्फ निर्मला देवी उर्फ जैस्मिन और उसके सहयोगी हरिओम आनंद को गिरफ्तार किया है। नरगिस अख्तर बांग्लादेश के जलीकोठी की रहने वाली है और 2010 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी। हरिओम आनंद ने उसका भारतीय पहचान के लिए दस्तावेज बनवाने में मदद की।एटीएस ने बताया कि नरगिस अख्तर का पहला फर्जी आधार कार्ड पश्चिम बंगाल में जेसिका विश्वास के नाम से बनवाया गया था। 2022 में हरिओम आनंद ने लखनऊ से उसे निर्मला देवी के नाम से भारतीय दस्तावेज दिलवाए। इसी साल दोनों की शादी भी हुई थी। हरिओम आनंद ने निर्मला देवी के नाम पर बैंक खाते, स्कूटी और कार भी दिलवाई।
Lucknow News: बरामद फर्जी दस्तावेज और बैंक खाते
नरगिस अख्तर के पास से दो फर्जी आधार कार्ड, दो बैंक पासबुक, आय प्रमाण पत्र, वाहन रजिस्ट्रेशन, डेबिट कार्ड और राशन कार्ड बरामद हुए हैं। निर्मला देवी के नाम पर बने बैंक खाते में पति हरिओम आनंद का मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड था। इससे पता चलता है कि पूरे नेटवर्क को व्यवस्थित तरीके से चलाया जा रहा था।नरगिस अख्तर के मोबाइल में कई बांग्लादेशी नंबर सेव थे। इसके अलावा उसमें बांग्लादेशी निवास प्रमाण पत्र भी मिला। यह शक जताया जा रहा है कि वह देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकती है। वह लखनऊ के दुबग्गा क्षेत्र के बरौरा में फरीन स्कूल के पास किराए के मकान में रह रही थी।
Lucknow News: हरिओम आनंद का रैकेट
हरिओम आनंद पर कई बांग्लादेशी महिलाओं के लिए भारतीय दस्तावेज बनवाने का शक है। एटीएस के मुताबिक, उसने 2022 में निर्मला देवी उर्फ नरगिस अख्तर से शादी की और उसके नाम पर दस्तावेज बनवाकर बैंक खाते खोलवाए। इसके आधार पर वाहन खरीदने जैसे कई लेन-देन किए गए।एटीएस ने बताया कि नरगिस अख्तर के पास से बरामद दस्तावेज और मोबाइल डेटा यह संकेत देते हैं कि वह अवैध गतिविधियों में शामिल हो सकती है। इसके चलते पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की अवैध प्रवृत्ति देश की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती है।
जांच और आगे की कार्रवाई
अभी जांच जारी है और एटीएस यह पता लगाने में जुटी है कि नरगिस अख्तर और हरिओम आनंद के अलावा और कौन-कौन इस फर्जी दस्तावेज नेटवर्क में शामिल थे। अधिकारियों ने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर फर्जी दस्तावेज बनाने वाले रैकेट पर नजर रखने की बात कही है।लखनऊ में गिरफ्तार नरगिस अख्तर और हरिओम आनंद का मामला अवैध दस्तावेज और देश विरोधी गतिविधियों के खतरे को उजागर करता है। एटीएस की कार्रवाई ने एक बड़े फर्जी दस्तावेज रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम की उम्मीद है।
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