Lucknow News: लखनऊ के अमीनाबाद मार्केट में पांच जूलरी दुकानदारों के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां वर्षों से काम कर रहे दो जूलरी कारीगरों ने आभूषण बनाने के नाम पर करीब 1.5 करोड़ रुपये मूल्य का सोना लिया और फिर फरार हो गए। पीड़ित कारोबारी उनकी तलाश में उनके घर के चक्कर लगाते रहे, लेकिन दोनों का कोई सुराग नहीं मिला।
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500 ग्राम सोना लेकर भागा, मोबाइल भी किया बंद
आपको बता दे कि, अलीगंज के सेक्टर-ई स्थित रविंद्र गार्डेन निवासी राकेश रस्तोगी की अमीनाबाद की जूते वाली गली में ‘प्रयरिस’ नाम से जूलरी शॉप है। राकेश ने बताया कि उनके यहां वर्षों से दो कारीगर—सुरेश कुमार रस्तोगी और श्याम बाबू रस्तोगी—आभूषण निर्माण का काम कर रहे थे। 11 मई को दोपहर करीब 1:30 बजे सुरेश 500 ग्राम सोना लेकर आभूषण बनाने के लिए गया था, लेकिन उसके बाद वह वापस नहीं लौटा। उसका फोन भी बंद आने लगा।
परिवार ने भी नहीं बताया ठिकाना, पीड़ितों को किया गुमराह
बताते चले कि, जब सुरेश की कोई जानकारी नहीं मिली तो राकेश उसके घर पहुंचे, लेकिन उसके परिजनों ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और उन्हें भ्रमित करते रहे। इसी दौरान अन्य जूलरी दुकानदारों से बातचीत करने पर खुलासा हुआ कि आरोपी सुरेश और श्याम बाबू ने अन्य दुकानों से भी बड़ी मात्रा में सोना लिया है।
एक किलो से ज्यादा सोना लेकर फरार
राकेश रस्तोगी के अनुसार, चंद्रमाती ज्वैलर्स, प्रदीप ज्वैलर्स और आरके ज्वैलर्स के मालिकों से भी आरोपी कारीगरों ने सोना बनवाने के नाम पर लिया था। सभी दुकानदारों को मिलाकर आरोपी कुल लगभग 1 किलो 427 ग्राम सोना लेकर फरार हो गए हैं। इस सोने की बाजार कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये बताई जा रही है।
अमीनाबाद थाने में एफआईआर दर्ज, पुलिस जांच में जुटी
पीड़ित दुकानदारों ने सुरेश कुमार रस्तोगी और श्याम बाबू रस्तोगी के खिलाफ अमीनाबाद थाने में संयुक्त रूप से रिपोर्ट दर्ज करवाई है। थानाध्यक्ष के अनुसार मामले की जांच की जा रही है। हालांकि, पीड़ितों द्वारा अभी तक सोने की रसीदें प्रस्तुत नहीं की गई हैं, जिससे जांच में थोड़ी दिक्कत आ रही है। पुलिस आरोपियों की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।
लखनऊ के अमीनाबाद बाजार में कारीगरों द्वारा की गई यह ठगी व्यापारियों के लिए बड़ा झटका है। वर्षों की विश्वसनीयता के बाद इस तरह से सोना लेकर फरार होना पूरे बाजार में चर्चा का विषय बन गया है। अब देखना होगा कि पुलिस जांच में कब तक आरोपियों को गिरफ्तार कर पाती है।