Lucknow Pollution: दिवाली में खुशियों के साथ-साथ लोग कहीं न कहीं पटाखों से अपने लिए खतरा भी बना लेते हैं। हर साल दिवाली के बाद लोगों को प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इस बार भी लखनऊ की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। सोमवार यानी दिवाली की रात को शहर में खतरनाक स्तर पर (AQI) 419 दर्ज किया गया, ‘हैजर्डस जोन’ यानी अत्यंत खतरनाक श्रेणी में आता है। ये आंकड़ा पिछले 5 सालों में सबसे हाई है। प्रदूषण का यह स्तर दिल्ली जैसे महानगरों को भी पीछे छोड़ रहा है।
धीमी हवा और ठंडा तापमान बना कारण
मौसम विभाग के अनुसार, लखनऊ में रात का तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और हवा की रफ्तार केवल 4 किलोमीटर प्रति घंटा रही। इस कारण प्रदूषक कण वातावरण में फंस गए, जिससे वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ गई। सुबह के समय AQI 419 तक पहुंच गया, जबकि दोपहर तक यह घटकर 190–195 के बीच दर्ज हुआ। गोमती नगर, अलीगंज, लालबाग, चारबाग और इंदिरा नगर जैसे इलाके “स्वास्थ्य के लिए हानिकारक श्रेणी” में बने हुए हैं।
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दिवाली की रात दम घुटा…
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली की रात को सेलेब्रशन और वाहनों के आवाजाही के कारण रात शहर की हवा को बेहद जहरीला बना दिया। रातभर हुई आतिशबाजी से PM10 और PM2.5 कणों का स्तर छह गुना तक बढ़ गया।
- PM10 का स्तर: 374
- PM2.5 का स्तर: 284
ये आंकड़े सामान्य सीमा से कई गुना अधिक हैं, जो सीधे तौर पर फेफड़ों और हृदय के लिए खतरनाक माने जाते हैं।
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पिछले पांच वर्षों में सबसे प्रदूषित अक्टूबर
2025 का अक्टूबर महीना लखनऊ के लिए सबसे प्रदूषित महीना साबित हुआ है। 19 अक्टूबर को शहर का AQI 173 दर्ज हुआ था, जो अब तक का पांच साल का उच्चतम स्तर था। लेकिन दीपावली के बाद यह रिकॉर्ड टूट गया।
पिछले पांच वर्षों का तुलनात्मक आंकड़ा इस प्रकार है –
- 2021: AQI 177
- 2022: AQI 186
- 2023: AQI 152
- 2024: AQI 130
- 2025: AQI 173
2022 में सबसे अधिक प्रदूषण 27 अक्टूबर (AQI 209) को दर्ज हुआ था, जबकि 6 अक्टूबर 2022 को लखनऊ की हवा सबसे स्वच्छ थी (AQI 40)।
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स्वास्थ्य पर गंभीर असर
डॉक्टरों के अनुसार, इस स्तर का प्रदूषण बच्चों, बुजुर्गों और हृदय या सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए बेहद खतरनाक है।
उन्होंने नागरिकों को सलाह दी है कि –
- सुबह और रात के समय बाहर निकलने से बचें।
- N95 मास्क का उपयोग करें।
- घरों में एयर प्यूरीफायर या पौधों का उपयोग बढ़ाएं।
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अन्य राज्यों का जाने हाल…
दिल्ली के 35 AQI मीटरों में से 32 ने 300 से अधिक स्तर दर्ज किया, जिसमें बवाना 427 के साथ सबसे प्रदूषित इलाका रहा। जहांगीरपुरी (407), वज़ीरपुर (408), बुराड़ी (402) और आनंद विहार (360) भी गंभीर स्तर में आए। दिल्ली के अलावा मुंबई (214), पटना (224), जयपुर (231) और लखनऊ (222) में हवा ‘खराब’ श्रेणी में रही, जबकि बेंगलुरु (94) संतोषजनक और हैदराबाद (107), चेन्नई (153) मध्यम श्रेणी में रहे। प्रदूषण में बढ़ोतरी के मद्देनजर, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पहले ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चरण 2 लागू कर दिया था, बावजूद इसके केवल ‘हरित आतिशबाजी’ की अनुमति दी गई थी।


