Lung Cancer: क्यों हो रहा है नॉन स्मोकर्स वालों को फेफड़ों का कैंसर? जाने पूरी जानकारी…

प्रदूषण न केवल धूम्रपान करने वालों, बल्कि गैर-धूम्रपान करने वालों को भी लंग्स कैंसर(Lung Cancer) का शिकार बना सकता है...

Shilpi Jaiswal
Why are non-smokers getting lung cancer?
Why are non-smokers getting lung cancer?

हाल के वर्षों में लंग्स कैंसर (फेफड़ों का कैंसर) के मामले गैर-धूम्रपान करने वालों में भी बढ़ रहे हैं। पारंपरिक रूप से यह बीमारी मुख्य रूप से धूम्रपान करने वालों से जुड़ी रही है, लेकिन अब गैर-धूम्रपान करने वाले भी इसके शिकार हो रहे हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जो हैरान करने वाले हैं।सबसे पहला कारण वायु प्रदूषण है। शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण, खासकर PM 2.5 जैसी सूक्ष्म कणों की उच्च मात्रा, फेफड़ों में जाकर दीर्घकालिक नुकसान पहुंचाती है।

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गैर-धूम्रपान कैंसर के शिकार

Lung cancer can also affect non-smokers

बता दे….. यह प्रदूषण न केवल धूम्रपान करने वालों, बल्कि गैर-धूम्रपान करने वालों को भी लंग्स कैंसर(Lung Cancer) का शिकार बना सकता है।इसके अलावा, राडॉन गैस जैसी रेडियोएक्टिव गैस भी घरों और भवनों में जमा हो सकती है, जो एक प्रमुख कार्सिनोजेन है। यह गैस प्राकृतिक रूप से पृथ्वी से उत्सर्जित होती है और इसके संपर्क में आना भी कैंसर का कारण बन सकता है।

गैर-धूम्रपान करने वालों में लंग्स कैंसर का एक अन्य कारण पैसिव स्मोकिंग हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति धूम्रपान न करता हो, लेकिन धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के आस-पास रहता हो, तो उसे भी अप्रत्यक्ष रूप से धुएं का असर हो सकता है।इसके अलावा, आनुवांशिक कारण और जीन म्यूटेशन भी लंग्स कैंसर के मामलों को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, खराब जीवनशैली, आहार की आदतें, और शारीरिक गतिविधियों की कमी भी इस बीमारी के जोखिम को बढ़ाती हैं।

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Lung Cancer
Lung Cancer

नॉन स्मोकर्स को क्यों हो रहा है Lung Cancer?

वायु प्रदूषण: वायु प्रदूषण और हवा में मौजूद हानिकारक तत्व जैसे PM 2.5 (जो फेफड़ों में गहरे तक प्रवेश कर सकते हैं) लंबे समय तक श्वसन प्रणाली को नुकसान पहुंचाते हैं। शहरों में बढ़ते प्रदूषण के कारण गैर-धूम्रपान करने वालों में भी लंग्स कैंसर का खतरा बढ़ रहा है।

नॉन-स्मोकिंग टॉक्सिन्स : घरों और कार्यस्थलों में राडॉन गैस जैसी हानिकारक गैसों का अवशोषण भी लंग्स कैंसर का कारण बन सकता है। राडॉन एक रेडियोएक्टिव गैस है जो प्राकृतिक रूप से पृथ्वी से उत्सर्जित होती है और घरों में जमा हो सकती है।

History of lung cancer
History of lung cancer

जीन और आनुवांशिक कारण: कुछ लोगों में जीन और आनुवांशिक बदलाव लंग्स कैंसर को उत्पन्न करने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। यदि किसी के परिवार में लंग्स कैंसर का इतिहास है, तो उसे इस बीमारी का खतरा ज्यादा हो सकता है, भले ही वह धूम्रपान न करता हो।

पैसिव स्मोकिंग : किसी व्यक्ति के द्वारा धूम्रपान न करने के बावजूद, अगर वह स्मोकिंग करने वाले व्यक्ति के आस-पास रहता है, तो उसे भी पासिव स्मोकिंग का खतरा होता है, जो लंग्स कैंसर का कारण बन सकता है।

खानपान और आहार: खराब खानपान, खासकर अत्यधिक जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड के सेवन से शरीर में विषाक्त तत्व जमा हो सकते हैं, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

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Lack of physical activity

व्यायाम की कमी: शारीरिक गतिविधियों की कमी, मोटापा और जीवनशैली से संबंधित अन्य समस्याएं लंग्स कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं। स्वस्थ जीवनशैली और नियमित व्यायाम से इस जोखिम को कम किया जा सकता है।

मूलिक जीन परिवर्तन :वैज्ञानिक अध्ययन यह भी दिखाते हैं कि कुछ नॉन-स्मोकर्स में जीन म्यूटेशन होते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। ये म्यूटेशन फेफड़ों के कोशिकाओं में हो सकते हैं, जो कैंसर की शुरुआत कर सकते हैं।

ऑक्सीडेटिव तनाव: हमारे शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव (जब शरीर में हानिकारक मुक्त कण होते हैं) भी कैंसर के विकास में योगदान कर सकता है। यह तनाव वातावरणीय प्रदूषण, तनाव, खराब आहार, और अन्य जीवनशैली की आदतों से उत्पन्न हो सकता है।

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