Maa Vaishno Devi Yatra: जम्मू-कश्मीर के कटरा से मां वैष्णों देवी की यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के लिए मौसम इन दिनों मेहरबान है। लेकिन बीच बीच में हल्की बारिश और बादलों की आवाजाही से मौसम सुहावना बना हुआ है, भारी उमस के कारण श्रद्धालुओं को पसीने से तरबतर होना पड़ रहा है। इसके बावजूद मां वैष्णों देवी की आस्था में डूबे भक्त लगातार जयकारों के साथ भवन की ओर प्रस्थान कर रहे हैं।
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बारिश बनी राहत

मंगलवार को सुबह वैष्णों देवी यात्रा मार्ग पर हल्की बारिश हुई, जिससे वातावरण में थोड़ी ठंडक महसूस हुई। लेकिन इसके बाद भी दिनभर त्रिकुट पर्वत और आसमान में बादल छाए रहें। इस दौरान हेलीकॉप्टर सेवा भी कुछ समय के लिए बाधित रही। वहीं रोपवे और बैटरी कार सेवाएं भक्तों के लिए लगातार उपलब्ध रहीं। भीषण गर्मी से जूझते श्रद्धालुओं को बारिश की फुहारों ने कुछ राहत जरूर दी। लेकिन उमस के कारण पैदल यात्रा बड़ी चुनौतीपूर्ण साबित हुई।
भक्तों के लिए सुविधाएं
माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड, आपदा प्रबंधन बल, पुलिस विभाग और सीआरपीएफ के जवान भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए जगह जगह तैनात हैं। भवन मार्ग पर बने शेडों, अर्धकुंवारी मंदिर परिसर और अन्य विश्राम स्थलों पर भक्त रुकते हुए आराम कर रहे हैं और धीरे धीरे भवन की ओर बढ़ रहे हैं। वहीं प्रशासन ने भी मौसम की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं।
श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या
बदले मौसम के बावजूद मां वैष्णों देवी यात्रा के सभी मार्ग पूरी तरह से खुले और सुचारू हैं। किसी तरह की कोई रुकावट या परेशानी की सूचना नहीं है। भक्तजन पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ दर्शन हेतु आगे बढ़ रहे हैं। श्राइन बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक 16 जून को कुल 31,746 श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन प्राप्त किए, जबकि 17 जून दिन मंगलवार को दोपहर तक करीब 17,800 भक्त पंजीकरण करवाकर यात्रा के लिए निकल चुके थे। शाम तक यह संख्या और भी बढ़ने की उम्मीद है।
उमस में भी जारी है भक्तों की यात्रा
मौसम की चुनौतियों के बाद भी भक्तों की भक्ति और उत्साह में कोई कमी नहीं आ रही है। भक्त के जय माता दी के जयकारों से यात्रा मार्ग गूंज रहा है। प्रशासन की ओर से लगातार निगरानी और व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं जिससे किसी को कोई असुविधा न हो।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।
