Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या (29 जनवरी 2025) को त्रिवेणी संगम पर स्नान करने उमड़ी भारी भीड़ के चलते भयानक भगदड़ मच गई थी। इस दुखद घटना में 30 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए थे। अब इस मामले में यूपी सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
Read more: New Bus Service: गांव से शहर तक सफर हुआ सुगम, रोडवेज ने उतारी नई 43 सीटर बस…
न्यायिक आयोग करेगा आम नागरिकों से बयान दर्ज

गोपनीय रखी जाएगी पहचान
जांच आयोग ने लोगों की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए यह आश्वासन दिया है कि साक्ष्य भेजने वालों की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। नागरिक वीडियो या सबूत आयोग के व्हाट्सएप नंबर 9454400596 पर भेज सकते हैं या फिर आयोग की आधिकारिक ईमेल आईडी mahakumbhcommission@gmail.com पर भी साक्ष्य भेज सकते हैं।
इसके साथ ही जो लोग डिजिटल माध्यम का उपयोग नहीं कर सकते, वे लखनऊ विकास भवन स्थित आयोग के कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से जाकर भी सबूत सौंप सकते हैं।
भीड़ बनी भगदड़ की वजह
मौनी अमावस्या पर स्नान करने के लिए लाखों भक्त प्रयागराज पहुंचे थे। संगम नोज पर ज्यादा भीड़ इकट्ठा होने के कारण अफरा तफरी का माहौल बन गया और देखते ही देखते भगदड़ मच गई। वहीं प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाएं इस भीड़ को भी नियंत्रित करने में नाकाम रहीं।
66 करोड़ श्रद्धालु ले चुके हैं स्नान का पुण्य
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जानकारी दी कि 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) तक, महाकुंभ के 45 दिनों में अब तक 66 करोड़ 21 लाख से ज्यादा भक्तों ने संगम में स्नान किया है। यह आंकड़ा महाकुंभ की विशालता और धार्मिक महत्व को दर्शाता है, लेकिन साथ ही प्रशासन के लिए एक चुनौती भी है।
आयोग के फैसले से हादसे की तह तक पहुंचने की उम्मीद
न्यायिक आयोग की इस पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि हादसे के असली कारणों की गहराई से जांच हो सकेगी, और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकेगा। आम नागरिकों की भागीदारी इस जांच को और अधिक प्रभावी बना सकती है।

Read more: PM मोदी की मां को अपशब्द कहने पर ये क्या बोल गए सीएम योगी आदित्यनाथ?
