Maha Kumbh 2025: इस बार प्रयागराज में होगा श्रद्धा का महासंगम, यहां जानें शाही स्नान की तिथियां

सनातन धर्म में महाकुंभ के दौरान स्नान का विशेष महत्व है। माना जाता है कि कुंभ में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और पवित्र संगम में डुबकी लगाना हर हिन्दू की एक आस्था होती है।

Akanksha Dikshit
Mahakumbh

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 की भव्य तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। 12 सालों में एक बार आयोजित होने वाला यह महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 8 मार्च तक चलेगा। इस बार महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं के आगमन की उम्मीद है, जिनके लिए प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधा के कड़े इंतजाम किए हैं। आइए जानते हैं इस महाकुंभ में शाही स्नान की तिथियों और अन्य खास अवसरों के बारे में।

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महाकुंभ में शाही स्नान का महत्व

सनातन धर्म में महाकुंभ के दौरान स्नान का विशेष महत्व है। माना जाता है कि कुंभ में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और पवित्र संगम में डुबकी लगाना हर हिन्दू की एक आस्था होती है। महाकुंभ के दौरान शाही स्नान का आयोजन विशेष धार्मिक उत्सव के तौर पर किया जाता है, जिसमें प्रमुख साधु-संतों और अखाड़ों का हिस्सा लेना शुभ माना जाता है।

शाही स्नान की तिथियां और खास अवसर

महाकुंभ के दौरान विभिन्न धार्मिक पर्वों पर शाही स्नान का आयोजन किया जाएगा। इस वर्ष के शाही स्नान के प्रमुख दिन निम्नलिखित हैं:

13 जनवरी, पौष पूर्णिमा: महाकुंभ का पहला शाही स्नान इसी दिन होगा। इस दिन से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में संगम की पवित्रता का अनुभव करेंगे।

14 जनवरी, मकर संक्रांति: इस शुभ अवसर पर दूसरा शाही स्नान होगा। मकर संक्रांति के दिन स्नान का अत्यधिक धार्मिक महत्व है और इसी दिन भक्त गंगा में स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे।

29 जनवरी, मौनी अमावस्या: महाकुंभ में मौनी अमावस्या का शाही स्नान खास आकर्षण होगा। इस दिन मौन रहकर गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है।

3 फरवरी, बसंत पंचमी: इस दिन बसंत पंचमी के पावन अवसर पर शाही स्नान का आयोजन किया जाएगा। बसंत पंचमी को ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है और इस दिन गंगा स्नान से विशेष फल की प्राप्ति मानी जाती है।

12 फरवरी, माघ पूर्णिमा: माघ पूर्णिमा के दिन शाही स्नान के लिए संगम पर भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। यह दिन पवित्र माघ मास की पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है।

26 फरवरी, महाशिवरात्रि: महाशिवरात्रि के अवसर पर होने वाला शाही स्नान श्रद्धालुओं के लिए खास होता है। शिव की आराधना और गंगा स्नान का संगम इस दिन को और अधिक पवित्र बना देता है।

विदेशी श्रद्धालुओं की भी उमड़ेगी भीड़

महाकुंभ 2025 में इस बार सरकार ने भव्य आयोजन का संकल्प लिया है। सुरक्षा और व्यवस्थाओं के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। गंगा नदी के किनारे और संगम क्षेत्र में सुरक्षा के लिए सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे, मेडिकल सुविधा और पुलिस की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। संगम पर आने वाले देश-विदेश से श्रद्धालुओं के लिए हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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पहले भी हुआ भव्य आयोजन

महाकुंभ का पिछला आयोजन 2013 में हुआ था, और 2019 में अर्धकुंभ का आयोजन हुआ था। इस बार के महाकुंभ को और भी भव्य बनाने के लिए सरकार ने कई नई योजनाएं लागू की हैं। गंगा घाटों के पुनर्निर्माण, साफ-सफाई, और पानी की सुचारू व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं

महाकुंभ 2025 के आयोजन को खास बनाने के लिए प्रयागराज में कई विशेष योजनाएं बनाई गई हैं। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए टेंट सिटी का निर्माण, सड़क व्यवस्था को दुरुस्त करना, ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को सुगम बनाना आदि कार्य भी तेजी से पूरे किए जा रहे हैं।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

महाकुंभ के दौरान पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स, और आपातकालीन सेवाएं हमेशा तैयार रहेंगी। सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत बनाने के लिए ड्रोन कैमरे और कंट्रोल रूम भी स्थापित किए जा रहे हैं। महाकुंभ क्षेत्र में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मेडिकल टीम, फायर सर्विस, और अन्य राहत सेवाओं की तैनाती भी सुनिश्चित की जा रही है।

महाकुंभ 2025: आस्था, भक्ति और भव्यता का संगम

प्रयागराज का महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन है बल्कि आस्था और भक्ति का महासंगम भी है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के विशालता और सौंदर्य को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का अवसर भी है। इस भव्य मेले में हिस्सा लेने के लिए लाखों श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना है, जो इसे और भी खास बना देगा।

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