Mahakal Sawari 2025: सनातन धर्म के पवित्र 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थिति महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है। जो कि भक्तों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकालेश्वर स्वयं ही ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हुए हैं। यहां पर वैसे तो रोजाना भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। लेकिन सावन के महीने में अधिकतर श्रद्धालु महाकाल के दर्शन व पूजन के लिए दूर दूर से आते हैं।
हर साल सावन और भाद्रपद माह में महाकाल की सवारी निकाली जाती है। इस उत्सव में हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है यह सवारी बड़ी धूमधाम के साथ मनाई जाती है। तो हम आपको महाकाल की सवारी से जुड़ी अहम जानकारी प्रदान कर रही है।
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कब निकलेगी महाकाल की सवारी?

आपको बता दें कि महाकाल की सवारी इस साल कुल 6 बार निकाली जाएगी। जिसमें पहली सवारी 14 जुलाई, दूसरी सवारी 21 जुलाई, तीसरी सवारी 28 जुलाई, चौथी सवारी 4 अगस्त और पांचवीं सवारी 11 अगस्त, इसके अलावा छठी व आखिरी सवारी 18 अगस्त को निकाली जाएगी।
क्यों निकालते हैं यह सवारी?
आपको बता दें कि हर वर्ष सावन और भाद्रपद माह में बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाती है। सालों बाद भी इस पुरानी परंपरा को श्रद्धा भाव के साथ निकाला जाता है। यह पवित्र यात्रा राजा भोज द्वारा आरंभ की गई थी। इस दौरान महाकाल की सवारी में नए रथ और हाथी भी शामिल होते हैं।
बाबा महाकाल की इस पवित्र सवारी का खास महत्व होता है। इस यात्रा के दौरान बाबा को रथ पर बैठाकर नगर भ्रमण के लिए ले जाया जाता है। भक्त इस दौरान महाकाल के नाम के जयकारे लगाते हैं। इस यात्रा में शामिल होने के लिए भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिलता है। मान्यता है कि इस पवित्र यात्रा में शामिल होने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और जीवन के दुखों का निवारण होता है साथ ही बाबा की असीम कृपा भी बनी रहती है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

