Mahakumbh Stampede Updates: महाकुंभ मेला, जो प्रयागराज में चल रहा था, में मंगलवार की रात एक दुखद घटना घटी। संगम तट पर भारी भीड़ के दबाव के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 17 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में मरने वालों की संख्या अधिक बताई जा रही है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं। घायलों को महाकुंभ के अस्पताल में भर्ती करने के लिए एंबुलेंस की एक लंबी कतार लग गई है। राहत और बचाव कार्य में प्रशासन पूरी तरह से जुटा हुआ है।
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घटना का समय और स्थान

यह दर्दनाक हादसा रात करीब दो बजे संगम तट के पास हुआ। जैसे ही भीड़ का दबाव बढ़ा, भगदड़ मचने से स्थिति पूरी तरह से अनियंत्रित हो गई। कई श्रद्धालुओं की मौत और घायल होने से अफरातफरी मच गई। दुर्घटना के बाद प्रशासन ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया और स्थिति को कुछ घंटे बाद नियंत्रित किया गया, हालांकि अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पूरी तरह से सामान्य होने में कुछ और समय लगेगा।
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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने लिया निर्णय

महाकुंभ की इस दुखद घटना के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने बड़ा निर्णय लिया। परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने ऐलान किया कि 13 अखाड़े इस बार मौनी अमावस्या के दिन स्नान नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटना से हम सभी गहरे दुखी हैं, इसलिए हम लोग मौनी अमावस्या का स्नान नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अखाड़े अब बसंत पंचमी के दिन अमृत स्नान करेंगे। यह निर्णय मेला प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति पर प्रश्नचिन्ह लगाने के रूप में लिया गया है।
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प्रशासन का राहत कार्य

घटना के बाद प्रशासन ने त्वरित कदम उठाए और राहत कार्य में जुट गया। पुलिस, आपदा प्रबंधन और अन्य संबंधित टीमों ने मिलकर घटना स्थल पर बचाव कार्य शुरू किया। इसके साथ ही घायलों को अस्पताल भेजने की प्रक्रिया भी शुरू की गई। स्थानीय अस्पतालों में घायलों का इलाज जारी है और चिकित्सा सुविधाएं बढ़ा दी गई हैं ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालुओं का इलाज किया जा सके।
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अखाड़ों का प्रशासन के साथ सहयोग
इस घटना के बाद अखाड़ों ने मेला प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करने का निर्णय लिया है। वे स्नान के आयोजन को लेकर प्रशासन के निर्देशों का पालन करेंगे ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके। अखाड़ा परिषद ने मेला प्रशासन से अपील की है कि सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए ताकि ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सके।