Mahakumbh news 2025: प्रयागराज के संगम क्षेत्र में मंगलवार रात महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ में कई लोग घायल हो गए हैं। इस हादसे के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं ने राज्य सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए और घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने वीआईपी कल्चर पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इसे खत्म किया जाना चाहिए और तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए।
राहुल गांधी का गुस्सा..
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाकुंभ में हुई भगदड़ पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह हादसा खराब प्रबंधन और वीआईपी मूवमेंट को आम तीर्थयात्रियों के मुकाबले प्राथमिकता देने के कारण हुआ। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, “प्रयागराज से आई खबर दिल दहला देने वाली है। इस दुखद घटना के पीछे खराब प्रबंधन और वीआईपी कल्चर की वजह से आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा नजरअंदाज की गई।

” उन्होंने आगे कहा कि सरकार को इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनी चाहिए। राहुल गांधी का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि सरकार को वीआईपी कल्चर को खत्म करने की आवश्यकता है, ताकि आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनकी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जा सके।
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मल्लिकार्जुन खरगे ने भी उठाए सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस घटना पर चिंता जताई और कहा कि महाकुंभ में आधी-अधूरी तैयारियां की गईं, जिससे यह हादसा हुआ। उन्होंने कहा, “महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में ऐसी घटनाएं होती हैं, तो यह दिखाता है कि राज्य सरकार ने इस आयोजन के लिए जरूरी इंतजाम नहीं किए।” खरगे ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त प्रबंध नहीं किए गए, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई।
अखिलेश यादव का योगी सरकार पर हमला

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी योगी आदित्यनाथ सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए। उन्होंने इस हादसे के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यदि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जाते, तो भगदड़ जैसी घटना से बचा जा सकता था। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन के लिए सरकार ने पर्याप्त प्रबंध नहीं किए, जिससे यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई।
महाकुंभ में व्यवस्थाओं की स्थिति

महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं, और इसकी सुरक्षा और व्यवस्थाएं बेहद महत्वपूर्ण होती हैं। इस घटना ने प्रशासन की तैयारियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार ने वीआईपी मूवमेंट को प्राथमिकता दी और आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा की अनदेखी की। इस घटना के बाद, अब सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे और वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए कदम उठाए।

