Maharana Pratap Jayanti 2025: महाराणा प्रताप जयंती आज, जानें ह्रदय सम्राट के जीवन काल से जुड़ी रोचक बातें

हिंदू पंचांग के मुताबिक महाराणा प्राप्त का जन्म ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ था। ऐसे में यह पर्व हर साल ज्येष्ठ माह की तृतीया तिथि पर ही मनाया जाता है।

Nivedita Kasaudhan
Maharana Pratap Jayanti 2025
Maharana Pratap Jayanti 2025

Maharana Pratap Jayanti 2025: देशभर में आज यानी 9 मई को महाराणा प्रताप जयंती का पावन पर्व मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के मुताबिक महाराणा प्राप्त का जन्म ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ था। ऐसे में यह पर्व हर साल ज्येष्ठ माह की तृतीया तिथि पर ही मनाया जाता है।

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महाराणा प्रताप का जन्म

वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को मेवाड़ में हुआ था। इस दिन को देशभर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है साथ ही महाराणा प्रताप की वीर अमर कथा भी सुनाई जाती है। तो हम आपको भारत के वीरसपूत महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें बता रहे हैं।

जानें कौन थे वीर महाराणा प्रताप

आपको बता दें कि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 में राजस्थान के मेवाड़ में हुआ था। पिता का नाम राणा उदय सिंह और माता जयवंता बाई था। जो राजपरिवार से ताल्लु रखते थे। राणा प्रताप का विवाह अजबदे पुनवार से हुआ था इनकी दो संतान भी थी। हिन्दु ह्रदय सम्राट महाराणा प्रताप के बेटे अमर सिंह और भगवान दास थे। महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था जो उनकी तरह ही वीर योद्धा था।

भारत के सम्राट महाराणा प्रताप बचपन से ही वीर और साहसी थे। इसलिए उन्हें युद्ध कला सीखने में किसी तरह की ​दिक्कत नहीं हुई। महाराणा प्रताप ईश्वर में विश्वास रखने वाले थे। अपनी प्रजा की सहायता करने में हमेशा आगे रहने वाले महाराणा प्रताप को मानवता का पुजारी भी कहा जाता था।

हल्दी घाटी युद्ध

महाराणा प्रताप ने अपने जीवन काल में कई युद्ध किए जो काफी प्रसिद्ध रहे। लेकिन हल्दी घाटी युद्ध को आज भी याद किया जाता है जो कि 18 जून 1576 में अकबर और महाराणा प्रताप के बीच लड़ा गया। अकबर की कुल सेना के मुकाबले महाराणा प्रताप के पास करीब 5000-10,000 सेना थी। सैनिकों की कम संख्या होने के बाद भी महाराणा प्रताप ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए वीरता का परिचय दिया। हल्दीघाटी के युद्ध में न तो अकबर जीत सका और न ही महाराजा को हार सका।

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