Maharashtra Elections 2024: कांग्रेस की नई रणनीति, चुनाव में सीनियर नेताओं की तैनाती, जीत की तैयारी जोरों पर

Akanksha Dikshit
maharashtra elections 2024

Maharashtra Elections 2024: कांग्रेस पार्टी, जो हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनावों (haryana assembly elections) में हार का सामना कर चुकी है, अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 (Maharashtra Assembly Elections 2024) के लिए अपनी रणनीति को पूरी तरह से बदलते हुए मैदान में उतर रही है। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं की एक मजबूत टीम को विभिन्न क्षेत्रों में पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया है, जिससे यह साफ हो गया है कि पार्टी इस महत्वपूर्ण चुनावी मुकाबले में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।

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महाराष्ट्र चुनाव में बड़े नेताओं की तैनाती

कांग्रेस (Congress) ने चुनाव के मद्देनजर पार्टी के भीतर से अनुभवी और प्रभावशाली नेताओं को महाराष्ट्र में पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात किया है। इस टीम में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल और अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं। इस फैसले को पार्टी के रणनीतिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य आगामी चुनावों में अपनी स्थिति को मजबूत करना है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक और अविनाश पांडे को राज्य चुनाव का वरिष्ठ समन्वयक नियुक्त किया गया है। वहीं, अशोक गहलोत और कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर को मुंबई और कोंकण संभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन दोनों क्षेत्रों को महत्वपूर्ण मानते हुए कांग्रेस ने सटीक योजना तैयार की है ताकि पार्टी को अधिक समर्थन मिल सके।

यह है कांग्रेस के लिए निर्णायक क्षेत्र

विदर्भ क्षेत्र, जो महाराष्ट्र की 64 विधानसभा सीटों के लिए महत्वपूर्ण है, कांग्रेस के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। भाजपा ने पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत की है, लेकिन कांग्रेस ने हाल ही में नागपुर और अकोला को छोड़कर कई लोकसभा सीटों पर विजय हासिल की है, जो पार्टी की संभावनाओं को फिर से बढ़ाने में सहायक हो सकती हैं।

इस क्षेत्र की महत्वपूर्णता को देखते हुए, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को विदर्भ में पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। उमंग सिंघार, जो मध्य प्रदेश के प्रभावशाली नेता हैं, भी इस टीम में शामिल किए गए हैं। कांग्रेस का इरादा इस बार विदर्भ में अपनी खोई जमीन वापस पाने का है और इसके लिए यह शीर्ष नेताओं को मैदान में उतार रही है।

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मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र में वरिष्ठ नेताओं की नियुक्ति

मराठवाड़ा के लिए सचिन पायलट और तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी को वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। वहीं, छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और कर्नाटक के मंत्री एमबी पाटिल को पश्चिमी महाराष्ट्र की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया है। यह दोनों क्षेत्र भी राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं और इन पर ध्यान केंद्रित कर कांग्रेस चुनावी समीकरणों को अपने पक्ष में करना चाहती है।

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कांग्रेस की विशेष योजना

महाराष्ट्र में कांग्रेस के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने स्पष्ट किया है कि उम्मीदवारों के चयन में सावधानी बरती जाएगी। महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के तहत कांग्रेस 110-120 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इस गठबंधन में सीट बंटवारे की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित किया जा रहा है।

पार्टी को हालिया हरियाणा चुनाव में मिली हार से यह स्पष्ट संदेश मिला है कि अति आत्मविश्वास और आत्मसंतोष की स्थिति में नहीं रहना चाहिए। महाराष्ट्र चुनाव पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इस बार कांग्रेस का मानना है कि माहौल उसके पक्ष में है। ऐसे में पार्टी ने अपनी रणनीति को धार देने के लिए कोई गलती नहीं करने का संकल्प लिया है।

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