Maharashtra Politics: बिहार विधासभा चुनाव खत्म होते ही महाराष्ट्र में आगामी BMC चुनाव अब सुर्खियों में है, जिसके चलते राजनीतिक हलचल और पार्टियों में बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो गया है। बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर मुंबई में अजित पवार गुट वाली एनसीपी का नेतृत्व नवाब मलिक करेंगे, तो महायुति में उनके साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।
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बीजेपी का रुख साफ
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मंत्री आशीष शेलार ने सार्वजनिक रूप से कहा कि पार्टी ऐसे किसी भी नेता का समर्थन नहीं कर सकती जिस पर मनी लॉन्ड्रिंग, अंडरवर्ल्ड से संबंध जैसे गंभीर आरोप हों। शेलार ने कहा कि यह विरोध नवाब मलिक से व्यक्तिगत नहीं, बल्कि उनके खिलाफ लगे आरोपों की गंभीरता के कारण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजेपी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकती।
शेलार ने स्पष्ट किया कि जब तक नवाब मलिक मुंबई चुनाव में प्रभारी रहेंगे, तब तक सीट बंटवारे पर कोई चर्चा संभव नहीं है। बीजेपी को डर है कि मलिक के साथ गठबंधन होने से उनके कोर वोट बैंक पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
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NCP का बचाव
वहीं दूसरी ओर एनसीपी (अजित पवार गुट) ने अपने नेता का बचाव किया। वरिष्ठ नेता प्रफुल पटेल ने कहा कि नवाब मलिक पार्टी के वरिष्ठ सदस्य हैं और अभी तक उन पर दोष सिद्ध नहीं हुआ है। पटेल ने स्पष्ट किया कि किसे क्या जिम्मेदारी दी जाए, यह पार्टी का आंतरिक मामला है। उन्होंने महायुति में किसी भी तरह की फूट से इंकार किया और दावा किया कि गठबंधन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एकजुट है।
नवाब मलिक बनाम बीजेपी

नवाब मलिक और बीजेपी के बीच विवाद नया नहीं है। बीजेपी लंबे समय से मलिक पर दाऊद इब्राहिम गैंग से संबंध, जमीन घोटाले और भ्रष्टाचार जैसे आरोप लगाती रही है। यही वजह है कि जब नवाब मलिक एनसीपी (अजित पवार गुट) के हिस्से के रूप में महायुति में शामिल हुए, तब भी बीजेपी उनके समर्थन में नहीं दिख रही।
विवाद की शुरुआत और मौजूदा हालात
मलिक और बीजेपी के मतभेद लगभग 2014 के बाद बढ़े। विपक्ष में रहते हुए मलिक ने लगातार बीजेपी सरकार और केंद्रीय एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए। 2021 में ईडी ने उन्हें जमीन सौदों में कथित गड़बड़ियों के आरोप में गिरफ्तार किया। इस घटना के बाद बीजेपी का रुख उनके प्रति और सख्त हो गया।
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नवाब मलिक कौन हैं?
नवाब मलिक वरिष्ठ नेता हैं और मुंबई में मुस्लिम समाज के प्रभावशाली चेहरा माने जाते हैं। वे पूर्व में अल्पसंख्यक कार्य एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री रह चुके हैं। एनसीपी में अजित पवार गुट के प्रमुख चेहरा होने के साथ-साथ तेज राजनीतिक रुख और आक्रामक भाषण शैली के लिए जाने जाते हैं। 2022 में ईडी मामले के कारण जेल गए थे, लेकिन अजित पवार ने मुश्किल समय में उनका साथ नहीं छोड़ा।
