Maharashtra Politics: भाषा के नाम पर सियासी संग्राम! ‘पटक-पटक के मारेंगे’ से ‘डुबो-डुबो के मारेंगे’ महाराष्ट्र में हुंकार

Aanchal Singh
Maharashtra Politics
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में भाषा को लेकर राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है. मराठी और हिंदी भाषाओं को लेकर उपजा विवाद अब एक बड़ी सियासी लड़ाई में तब्दील होता नजर आ रहा है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे के बीच बयानबाज़ी का दौर चरम पर पहुंच चुका है.

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‘पटक-पटक के मारेंगे’ से शुरू हुआ विवाद

‘पटक-पटक के मारेंगे’ से शुरू हुआ विवाद

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के एक विवादित बयान ने इस बहस को हवा दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि “अगर मराठी लोग हिंदी बोलने वालों पर हमला करते हैं तो हम उन्हें पटक-पटक के मारेंगे।” इस बयान के जवाब में राज ठाकरे ने मुंबई में आयोजित एक सभा में निशिकांत को खुली चुनौती देते हुए कहा, “आप मुंबई आइए, यहां समुंदर में डुबो-डुबो के मारेंगे।”

हिंदी में दिए गए बयान पर निशिकांत दुबे की चुटकी

दिलचस्प बात यह रही कि राज ठाकरे ने जब यह तीखा बयान दिया, तब वे खुद हिंदी में बोल रहे थे। इसी पर निशिकांत दुबे ने चुटकी लेते हुए पलटवार किया और कहा, “मैंने राज ठाकरे को हिंदी सिखा दी क्या?” यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और इससे विवाद ने और अधिक गति पकड़ ली।

मराठी न बोलने पर पिटाई की घटना ने बढ़ाया विवाद

यह सारा मामला तब शुरू हुआ जब कुछ दिनों पहले एक दुकानदार की केवल इसलिए पिटाई कर दी गई क्योंकि वह मराठी में बात नहीं कर रहा था। इस घटना के बाद भाषा को लेकर असंतोष और बयानबाज़ी तेज हो गई। इस मुद्दे ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है और नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।

राज ठाकरे की चेतावनी

राज ठाकरे की चेतावनी

मीरा-भायंदर में एक रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा, “अगर कोई मराठी नहीं समझ सकता, भले ही वह उसके कान में धीरे से बोली जाए, तो उसे एक थप्पड़ पड़ेगा।” उन्होंने यह बात अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की उस हरकत के संदर्भ में कही, जिसमें एक दुकान मालिक की पिटाई कर दी गई थी। उनका दावा है कि लोग मराठी न समझने का बहाना बनाकर विवाद खड़ा कर रहे हैं।

भाषा के बहाने शुरू हुआ यह विवाद अब केवल सांस्कृतिक नहीं रहा, बल्कि चुनावी राजनीति और पहचान की जंग बनता जा रहा है। नेताओं की जुबानी जंग और तीखे बयान माहौल को और ज्यादा गर्मा रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और उबाल देखने को मिल सकता है।

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