Mahashivratri 2025: शिवरात्रि पर भोलेनाथ को बेलपत्र चढ़ाने का क्या है सही तरीका? जानिए पूजा जुड़ी विधियाँ और लाभ

शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे चढ़ाने का एक विशिष्ट तरीका है?

Shilpi Jaiswal
Mahashivratri 2025
Mahashivratri 2025

महाशिवरात्रि, भगवान शिव की विशेष पूजा का पर्व है, जो पूरे भारत में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन शिव भक्तों द्वारा दिनभर उपवासी रहकर रात्रि में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। बेलपत्र को भगवान शिव की पसंदीदा पूजा सामग्री माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे चढ़ाने का एक विशिष्ट तरीका है?

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बेलपत्र चढ़ाने का सही तरीका

बेलपत्र का चयन: बेलपत्र को विशेष रूप से ध्यानपूर्वक चुना जाता है। शिवरात्रि के दिन, बेलपत्र के तीन पत्तों वाला एक बेलपत्र लेकर उसे भगवान शिव के चरणों में अर्पित करना चाहिए। इन तीन पत्तियों को भगवान शिव के त्रिदेव रूप – ब्रह्मा, विष्णु और महेश – का प्रतीक माना जाता है। अतः तीन पत्तियों वाला बेलपत्र भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उपयुक्त होता है।

पवित्रता और सावधानी: बेलपत्र हमेशा पूर्ण रूप से पवित्र और बिना किसी दोष के होना चाहिए। पत्तियाँ टूटनी नहीं चाहिए और ना ही इनमें कोई भी दाग-धब्बा होना चाहिए। यदि बेलपत्र में कोई भी दोष हो, तो उसे चढ़ाने से पूजा का फल नष्ट हो सकता है। इसलिए ध्यान रखें कि बेलपत्र साफ और पूर्ण रूप से स्वस्थ हो।

स्नान और पूजन विधि: शिवलिंग की पूजा के पहले, उसे गंगाजल, दूध, शहद, पंचामृत या ताजे पानी से स्नान कराना चाहिए। इसके बाद, बेलपत्र को सही तरीके से शिवलिंग पर अर्पित करें। सबसे पहले बेलपत्र की तीन पत्तियों को एक साथ लें और उन्हें शिवलिंग पर रखकर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। इस दौरान आप अपनी श्रद्धा और विश्वास के अनुसार, फूल, दूध, जल, या बेलपत्र के साथ पूजा सामग्री अर्पित कर सकते हैं।

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अर्पण का समय: महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से रात्रि का समय पूजा के लिए सर्वोत्तम होता है। रात्रि के मध्यकाल में, जब “चौथी बेला” होती है, तब शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करना और शिव की पूजा करना विशेष लाभकारी होता है। यदि यह संभव न हो, तो पूरे दिन पूजा करने के बाद बेलपत्र चढ़ाना भी शुभ होता है।

बेलपत्र चढ़ाने के लाभ

पापों का नाश: बेलपत्र को भगवान शिव को अर्पित करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट होते हैं। यह पूजा व्यक्ति के जीवन से नकारात्मकता को दूर करती है और उसे आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में अग्रसर करती है।

सिद्धि की प्राप्ति: शिवरात्रि के दिन बेलपत्र चढ़ाने से व्यक्ति को सभी कार्यों में सफलता मिलती है। यह किसी भी प्रकार की बाधाओं को दूर कर सफलता के नए द्वार खोलता है। यदि किसी के जीवन में संघर्ष या कठिनाइयाँ आ रही हैं, तो बेलपत्र चढ़ाने से वो सभी समस्याएँ दूर हो जाती हैं।

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स्वास्थ्य और समृद्धि: बेलपत्र का पूजन व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की ओर अग्रसर करता है। यह मानसिक शांति और सुख-शांति का भी कारण बनता है। शिव की कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि का वास होता है।

आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष: भगवान शिव की पूजा से व्यक्ति को आत्मसाक्षात्कार की प्राप्ति होती है और उसे मोक्ष की दिशा में मार्गदर्शन मिलता है। बेलपत्र अर्पित करने से शुद्धता और सत्य की भावना जागृत होती है, जिससे व्यक्ति का जीवन श्रेष्ठ और सुखमय बनता है।

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