Mahatma Gandhi Statue: लंदन के ‘टैविस्टॉक स्क्वायर’ में स्थिक महात्मा गांधी की ऐतिहासिक कांस्य प्रतिमा के साथ 29 सितंबर यानी सोमवार को तोड़फोड़ का एक मामला सामने आया है। ये घटना उस समय पर हुई जब महात्मा गांधी की जयंती (2 अक्टूबर) को लेकर वहां कार्यक्रमों की तैयारियां चल रही थीं। दरअसल, मूर्ति के चबूतरे पर भद्दे चित्र बनाए गए, जो गांधीजी और उनके विचार पर एक सीधा हमला माना जा रहा है।
भारतीय उच्चायोग ने जताई गहरी चिंता

आपको बता दें कि, लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग ने इस काम पर काफी गुस्सा दिखाया है। जिसके चलते सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, “लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ‘टैविस्टॉक स्क्वायर’ पर स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़े जाने की घटना बेहद दुखी करने वाली है और भारत इसकी कड़ी निंदा करता है.”
“मुद्दे को गंभीरता से उठाया है”
इसके साथ ही मिशन ने कहा, “यह सिर्फ तोड़फोड़ की घटना नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस से तीन दिन पहले अहिंसा के विचार और महात्मा गांधी की विरासत पर एक हिंसक हमला है. हमने तत्काल कार्रवाई के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है और हमारी टीम पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद है और प्रतिमा को ठीक करने के लिए अधिकारियों के साथ समन्वय किया जा रहा है.” उच्चायोग ने बताया कि उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया है और स्थानीय प्रशासन व पुलिस के साथ मिलकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
भारतीय समुदाय में नाराजगी
हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर लंदन स्थित इसी प्रतिमा स्थल पर समारोह आयोजित किए जाते हैं, जहाँ गांधीजी के प्रिय भजन गाए जाते हैं और श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। यह घटना उन आयोजनों से कुछ ही दिन पहले हुई, जिससे वहां भारतीय समुदाय में नाराजगी और दुख की लहर फैल गई है।
1968 में हुआ था कांस्य प्रतिमा का अनावरण
इस कांस्य प्रतिमा का अनावरण 1968 में ‘इंडिया लीग’ के सहयोग से किया गया था। यह प्रतिमा महात्मा गांधी के लंदन में बिताए छात्र जीवन की स्मृति में लगाई गई थी। उस समय वे यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) में कानून की पढ़ाई कर रहे थे। प्रतिमा के चबूतरे पर खुदा है जो कि‘महात्मा गांधी, 1869-1948’, जो उनके जीवन और योगदान को श्रद्धांजलि देता है।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने शुरू की जांच
मेट्रोपॉलिटन पुलिस और कैमडेन काउंसिल ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि वे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले दोषियों को पकड़ने के लिए CCTV फुटेज और अन्य सबूतों की सहायता ले रहे हैं।
