Mahesh Navmi 2025: सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन महेश नवमी को बेहद ही खास माना गया है जो कि शिव साधना को समर्पित दिन है। पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर महेश नवमी का पर्व मनाया जाता है। इसे माहेश्वरी जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से जीवन की समस्याओं का समाधान हो जाता हैं साथ ही सुख समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है। तो हम आपको अपने इस लेख द्वारा महेश नवमी की तारीख और मुहूर्त की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

महेश नवमी की तारीख
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 3 जून दिन मंगलवार की रात 9 बजकर 56 मिनट से आरंभ हो रही है। जो कि 4 जून बुधवार की रात 11 बजकर 54 मिनट तक रहेगी। ज्येष्ठ शुक्ल नवमी तिथि का सूर्योदय 4 जून को होगा। इसलिए इसी दिन महेश नवमी का पर्व भी मनाया जाएगा।
महेश नवमी पूजा मुहूर्त
महेश नवमी की पूजा का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 24 मिनट से 9 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा तीसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 45 मिनट से शाम 5 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। शाम को शिव पूजा का मुहूर्त 5 बजकर 25 मिनट से 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगा।
महेश नवमी पूजा विधि
आपको बता दें कि महेश नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद हाथ में जल, पुष्प और चावल लेकर व्रत का संकल्प करें साथ ही पूजा स्थल की साफ सफाई करके भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित कर उनकी विधिवत पूजा करें। धूप दीपक जलाएं और शिव को सभी पूजन सामग्री अर्पित करें। इसके बाद भगवान की आरती कर भूल चूक के लिए क्षमा मांगे और प्रसाद का वितरण करें।
भगवान शिव का शक्तिशाली मंत्र
जय नाथ कृपासिन्धोजय भक्तार्तिभंजन।
जय दुस्तरसंसार-सागरोत्तारणप्रभो॥
प्रसीदमें महाभाग संसारात्र्तस्यखिद्यत:।
सर्वपापक्षयंकृत्वारक्ष मां परमेश्वर॥

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

