Janmashtami 2025: देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। मथुरा और वृंदावन से लेकर देश के कोने-कोने तक मंदिरों को सजाया गया। मध्यरात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण की आरती के साथ जन्मोत्सव का आयोजन हुआ और श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।जहां एक ओर भक्तिभाव से लोग श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मना रहे थे, वहीं महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव के दौरान कई दर्दनाक हादसे भी हुए। अलग-अलग जगहों पर हुई दुर्घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए।
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मानखुर्द में युवक की मौत से मातम
बताते चले कि, महाराष्ट्र के मानखुर्द में दही हांडी बांधते समय एक युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान जगमोहन शिवकिरण चौधरी के रूप में हुई। वह पहली मंजिल से नीचे गिर गए और गंभीर चोट लगने से उनकी जान चली गई। उन्हें तत्काल गोवंडी स्थित शताब्दी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
14 वर्षीय किशोर ने भी गंवाई जान
दूसरी घटना में महज 14 साल के किशोर की भी मौत हो गई। अधिकारियों के अनुसार, शनिवार देर रात तक कुल 210 लोगों के घायल होने की सूचना मिली। इनमें से 68 का इलाज अभी चल रहा है, जबकि 142 को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया।
सेंट्रल और उपनगरों से बड़ी संख्या में घायल
बीएमसी और सरकारी अस्पतालों से मिली जानकारी के अनुसार, सेंट्रल मुंबई के विभिन्न अस्पतालों में 91 घायल दर्ज किए गए। इनमें से 60 मरीजों का इलाज जारी है, जबकि 31 को छुट्टी दे दी गई। पूर्वी उपनगरों में 45 और पश्चिमी उपनगरों में 74 लोग घायल हुए।
डॉक्टरों की देखरेख में जारी इलाज
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि सभी घायलों का इलाज डॉक्टरों की देखरेख में चल रहा है। संभावना जताई जा रही है कि रविवार या सोमवार तक अधिकांश घायलों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षा नियमों का पालन करने की अपील की है।
परंपरा और उत्सव की झलक
हर साल जन्माष्टमी पर मुंबई और महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में दही हांडी उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें भारी संख्या में “गोविंदा” भाग लेते हैं। इस परंपरा का संबंध भगवान कृष्ण की बाल्यावस्था से है, जब वे अपने दोस्तों के साथ माखन चुराकर खाते थे। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण को माखन बेहद प्रिय था और वे अक्सर मटकी फोड़कर माखन चुराते थे। इसी बाल लीला की झलक दही हांडी उत्सव में दिखाई देती है। गोविंदा ऊँची-ऊँची मानवीय पिरामिड बनाकर दही हांडी फोड़ते हैं, जिसे भगवान श्रीकृष्ण की लीला का प्रतीक माना जाता है।
