UP News: दीपावली नजदीक आते ही उत्तर प्रदेश पुलिस एक्शन मोड में आ गई है। त्योहार से पहले किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए राज्यभर में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और गोदामों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया गया है।
डीजीपी राजीव कृष्णा ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को आदेश दिया है कि 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक राज्य में व्यापक स्तर पर जांच और छापेमारी की जाए। यह अभियान मुख्य रूप से जनसुरक्षा और विस्फोट जैसी घटनाओं की रोकथाम के लिए चलाया जा रहा है।
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अवैध पटाखा निर्माण पर कड़ी निगरानी

डीजीपी राजीव कृष्णा के मुताबिक, बीते सालों में दीपावली से पहले या बाद में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों में कई बार हादसे हुए हैं, जिनमें जनहानि भी हुई। इसी को देखते हुए इस बार पुलिस ने पहले से तैयारी शुरू कर दी है। सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों और पुलिस आयुक्तों को आदेश दिया गया है कि अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसी कोई भी फैक्ट्री या गोदाम संचालित न होने पाए जो बिना लाइसेंस या सुरक्षा मानकों के चल रहे हों।
डीजीपी ने स्पष्ट किया कि अगर किसी जिले में इस अभियान के दौरान लापरवाही या ढिलाई पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। इसके साथ ही, पुलिस को स्थानीय खुफिया इकाइयों से भी समन्वय करने के निर्देश दिए गए हैं जिससे छिपी हुई इकाइयों का पता लगाया जा सके।
रिपोर्टिंग की होगी सख्त मॉनिटरिंग
पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक यह ‘विशेष अभियान’ 25 अक्टूबर तक चलेगा। हर जिले की पुलिस को यह सुनिश्चित करना होगा कि अभियान के दौरान की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट हर रोज़ शाम 6 बजे तक डीजीपी मुख्यालय को भेजी जाए। इस रिपोर्ट में छापेमारी का विवरण, जब्त किए गए पटाखों की मात्रा, गिरफ्तार लोगों की सूची और आगे की कार्रवाई का ब्यौरा शामिल होगा।
डीजीपी ने सभी रेंज के जोनल अधिकारियों से कहा है कि वे स्वयं इन ऑपरेशनों की निगरानी और फॉलोअप करें ताकि अभियान का प्रभाव ज़मीनी स्तर पर दिखे। इसके अलावा, पुलिस को उद्योग विभाग और फायर ब्रिगेड के साथ मिलकर यह भी जांच करनी होगी कि लाइसेंस प्राप्त पटाखा फैक्ट्रियां सुरक्षा मानकों का पालन कर रही हैं या नहीं।
सुरक्षा और जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता
उत्तर प्रदेश पुलिस ने साफ किया है कि दीपावली जैसे बड़े त्योहार पर जनहित और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। किसी भी अवैध गतिविधि या लापरवाही पर शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाएगी।
डीजीपी ने निर्देश दिया कि सभी जिलों में संवेदनशील इलाकों की पहचान कर वहां गश्त बढ़ाई जाए। पुलिस की बम निरोधक टीमों और फॉरेंसिक यूनिट्स को भी तैयार रहने का आदेश दिया गया है ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सके।
पुलिस मुख्यालय ने यह भी कहा है कि जनता से अपील की जा रही है कि वे किसी भी संदिग्ध फैक्ट्री, गोदाम या गतिविधि की जानकारी तुरंत स्थानीय थाने या पुलिस कंट्रोल रूम को दें।
