Malaria vaccine:भारत ने मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी के खिलाफ एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मलेरिया की पहली स्वदेशी वैक्सीन ‘एडफाल्सीवैक्स’ (AdFalciVax) के निर्माण के लिए देश की 5 कंपनियों को लाइसेंस जारी किया है। यह वैक्सीन खासतौर पर Plasmodium falciparum नामक सबसे खतरनाक मलेरिया पैरासाइट के खिलाफ प्रभावी है।
मलेरिया के खिलाफ भारत का देसी हथियार
एडफाल्सीवैक्स को ICMR के अंतर्गत भुवनेश्वर स्थित RMRC द्वारा विकसित किया गया है। यह वैक्सीन शरीर में मलेरिया के परजीवी को खून में प्रवेश करने से पहले ही रोक देती है, जिससे संक्रमण की संभावना समाप्त हो जाती है। वैक्सीन की एक और खासियत यह है कि यह रूम टेंपरेचर पर 9 महीने तक असरदार रहती है, जिससे यह ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी आसानी से पहुंचाई जा सकेगी।
Read more :Nepal में नई अंतरिम सरकार के गठन के साथ ही चुनाव तारीखों का हुआ ऐलान,भारत ने किया स्वागत
कौन बनाएगा यह वैक्सीन?
ICMR ने जिन 5 भारतीय कंपनियों को वैक्सीन निर्माण की मंजूरी दी है, वे अब बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करेंगी। वैक्सीन के अंतिम क्लिनिकल ट्रायल्स के बाद इसे आम जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
मलेरिया मुक्त भारत
भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक मलेरिया के नए केस शून्य हो जाएं और 2030 तक देश पूरी तरह मलेरिया मुक्त बन जाए। पिछले कुछ वर्षों में इसमें काफी सुधार हुआ है –
2017 में जहां 64 लाख केस थे,
2023 में ये घटकर 20 लाख पर आ गए हैं।
मौतों की संख्या भी 11,100 से घटकर 3,500 तक पहुंच गई है।
इसके साथ ही, 2024 में भारत को WHO की “High Burden High Impact” सूची से हटा दिया गया, जो भारत की उपलब्धियों को दर्शाता है।
चुनौतियाँ अब भी बरकरार
हालांकि, कुछ राज्यों में मलेरिया के मामले अभी भी चिंता का विषय हैं। ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में संक्रमण के केस अधिक हैं, खासकर जहां स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं।हाल ही में बाढ़ के कारण दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद जैसे शहरी इलाकों में भी मलेरिया के मामले बढ़े हैं।
क्यों जरूरी है एडफाल्सीवैक्स?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, एडफाल्सीवैक्स भारत के मलेरिया उन्मूलन अभियान में गेमचेंजर साबित हो सकती है। यह वैक्सीन यदि मौजूदा “टेस्ट, ट्रीट और ट्रैक” नीति के साथ मिलाकर इस्तेमाल की जाए, तो मलेरिया से निजात पाने की गति और तेज हो सकती है। इंसानों पर ट्रायल जल्द शुरू होंगे और विशेषज्ञों को उम्मीद है कि यह वैक्सीन भारत को 2030 से पहले ही मलेरिया मुक्त बना सकती है।

