Malegaon Blast Case: मालेगांव बम विस्फोट मामले में एनआईए की अदालत द्वारा प्रज्ञा ठाकुर को बरी किए जाने के बाद उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी। प्रज्ञा ने कहा कि पिछले 17 सालों में उनकी जिंदगी पूरी तरह तबाह हो गई थी और उन्हें असहनीय यातनाएं सहनी पड़ीं। उन्होंने इसे भगवा की जीत बताया और कहा कि भगवा का अपमान करने वालों को भगवान जरूर सजा देंगे।
आरोप और यातनाओं का खुलासा
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उन्हें जांच के लिए बुलाया गया और फिर गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उन्हें लंबे समय तक प्रताड़ित किया गया। वे एक साधु जीवन जी रही थीं, लेकिन उन्हें फंसा दिया गया और उन पर गलत आरोप लगाए गए। उन्होंने कहा, “मैं जीवित इसलिए हूं क्योंकि मैं संन्यासी हूं।” पूर्व सांसद ने कहा कि यह एक साजिश थी, जिससे भगवा को बदनाम किया गया। उनका मानना है कि इस फैसले से भगवा की जीत हुई है और दोषियों को ईश्वर सजा देगा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मामले पर शिवसेना के सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि मामले में “बेनिफिट ऑफ डाउट” का कोई आधार नहीं है। उन्होंने बताया कि 17 साल तक प्रज्ञा ठाकुर को प्रताड़ित किया गया। शिंदे ने कांग्रेस पर भी आरोप लगाए कि उन्होंने पूरे देश में भगवा आतंकवाद को लेकर गलत माहौल बनाया। श्रीकांत शिंदे ने कहा कि कांग्रेस ने विशिष्ट वोट बैंक के लिए पूरे देश में झूठ फैला कर राजनीति की। उन्होंने सवाल उठाया कि जब उस समय उनकी सरकार थी, तो सही जांच क्यों नहीं हुई। यदि सही जांच होती तो 2006 और 2008 के आरोपियों को भी सजा मिलती।
अखिलेश यादव का बयान
वहीं इस फैसले पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि यह खबर दबाने के लिए इसे इतना उठाया जा रहा है। उनका कहना था कि देश का असली मुद्दा अमेरिका और टैरिफ है, और इस फैसले को लेकर हो रही चर्चाएं ध्यान भटकाने की कोशिश हैं। मालेगांव बम विस्फोट मामले में प्रज्ञा ठाकुर की बरी होना राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर गहरी प्रतिक्रिया लेकर आया है। साध्वी के बयान ने उनके समर्थकों में उत्साह भरा है, वहीं विपक्ष ने इसे अलग-अलग नजरियों से देखा है। इस मामले की संवेदनशीलता और लंबी कानूनी लड़ाई ने देश की राजनीति और सामाजिक ताने-बाने पर असर डाला है।