Mamata Banerjee का SIR विरोध मार्च! हाथ में संविधान, सड़कों पर राजनीतिक तूफान

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनावी रोल पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ कोलकाता की सड़कों पर हजारों समर्थकों के साथ विरोध मार्च निकाला, जिसमें उन्होंने संविधान की प्रति हाथ में लेकर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का संदेश दिया।

Aanchal Singh
Mamata Banerjee Rally

Mamata Banerjee Rally: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने मंगलवार को कोलकाता की सड़कों पर SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) के खिलाफ विशाल विरोध रैली का नेतृत्व किया। रैली के दौरान ममता के हाथ में संविधान की प्रति थी। TMC ने इस अभियान को केंद्र की भाजपा-नीत सरकार और चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे “अदृश्य धांधली” के रूप में प्रस्तुत किया।

Read More:DMK on SIR: देश के 12 राज्यों में लागू होने जा रही एसआईआर प्रक्रिया, CM स्टालिन ने निर्वाचन आयोग पर लगाए गंभीर आरोप

रेड रोड से जोड़ासांको ठाकुर बाड़ी तक मार्च

बताते चले कि, मुख्यमंत्री ने अपने भतीजे और TMC के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के साथ रैली की शुरुआत डॉ. बी.आर. अंबेडकर की प्रतिमा से 3.8 किलोमीटर लंबी दूरी पर की। मार्ग में हजारों TMC समर्थक पार्टी के झंडे लहराते, नारे लगाते और रंगीन पोस्टरों के साथ SIR की निंदा करते दिखाई दिए। ममता बनर्जी ने सफेद साड़ी और चप्पलों में रुक-रुक कर जनता का अभिवादन किया।

ममता का जनता को भरोसा

आपको बता दे कि, रैली के दौरान ममता बनर्जी ने लोगों से अपील की कि वे SIR से भयभीत न हों। उन्होंने कहा कि किसी भी वैध नागरिक को मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाएगा। अभिषेक बनर्जी और अन्य वरिष्ठ TMC नेता उनके पीछे चलते रहे और जनता के साथ संवाद बनाए रखा। TMC ने दावा किया है कि NRC और SIR के कारण बंगाल में अब तक तीन मौतें हुई हैं। पार्टी के अनुसार, पिछले सप्ताह दो पुरुषों (57 और 60 वर्ष) ने कथित रूप से आत्महत्या की, जबकि कुछ दिन पहले SIR के तनाव से एक 60 वर्षीय महिला की हृदयगति रुकने से मौत हो गई।

Read More:SIR: देश के 12 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू हुआ SIR अभियान, 51 करोड़ मतदाता होंगे शामिल…

भाजपा का विरोध और पलटवार

विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रैली पर तीखी प्रतिक्रिया दी। राज्य भाजपा अध्यक्ष सामिक भट्टाचार्य ने कहा कि ममता बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मार्च को “जमात की रैली” बताते हुए इसे भारतीय संविधान के खिलाफ करार दिया। भाजपा ने राज्य में “जनसांख्यिकीय बदलाव” और रोहिंग्याओं को मतदाता सूची में शामिल करने का आरोप भी लगाया।

SIR प्रक्रिया और विवाद

विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ है जब पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR अभ्यास का दूसरा चरण शुरू हो गया है। SIR में मतदाता सूची का ज़मीनी सत्यापन किया जाता है, ताकि दोहरे, मृत, स्थानांतरित या अवैध मतदाताओं के नाम हटाए जा सकें। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यह अभ्यास हाशिए के समुदायों के खिलाफ किया जा रहा है।

Read More: West Bengal SIR: पश्चिम बंगाल में SIR पर संग्राम, ममता बनर्जी का बड़ा मार्च, BLO भी कर रहे विरोध

पहले चरण का विवाद

बिहार में SIR के पहले चरण में 68 लाख से अधिक नाम हटाए गए थे, जिससे व्यापक विवाद पैदा हुआ। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जिसने कुछ संशोधनों के साथ अभ्यास जारी रखने की अनुमति दी। जैसे-जैसे यह प्रक्रिया और राज्यों में फैल रही है, SIR पर राजनीतिक विवाद बढ़ने की संभावना है।

सड़क पर राजनीति की नई लड़ाई

TMC ने अब इस विवाद को सड़कों पर ले जाकर जनता के सामने रख दिया है। ममता बनर्जी की रैली ने यह संदेश दिया कि पार्टी SIR को लेकर गंभीर है और इस मुद्दे पर राजनीतिक संघर्ष जारी रहेगा।

Read More:SIR in UP: क्या आपका नाम वोटर लिस्ट से हटने वाला है? जानिए एसआईआर की पूरी प्रक्रिया

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version