Mani Shankar Aiyar : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का कहना है कि यह कवायद असफल रही है। उन्होंने कहा कि भारत लगातार पाकिस्तान को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे मानने को तैयार नहीं है।
अय्यर का तीखा बयान
मणिशंकर अय्यर ने सरकार की रणनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा, “हम दुनिया के सामने बार-बार यह कह रहे हैं कि पाकिस्तान पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार है, लेकिन कोई हमारी बात सुनने को तैयार नहीं। हम ही अकेले हैं जो छाती पीट-पीटकर चिल्ला रहे हैं, हाय-हाय पाकिस्तान, लेकिन न संयुक्त राष्ट्र (UN) और न ही अमेरिका हमें गंभीरता से ले रहा है।” अय्यर के अनुसार, इसका मुख्य कारण यह है कि भारत अपने आरोपों के पक्ष में ठोस सबूत नहीं पेश कर सका है।
विदेशों में भेजे गए डेलिगेशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सही ठहराने और आतंक के खिलाफ भारत के रुख को दुनिया तक पहुंचाने के लिए सात संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को 33 देशों में भेजा। इन डेलिगेशन में 59 सदस्य शामिल थे, जिनमें 51 सांसद और 8 राजनयिक थे। इनका मकसद वैश्विक समर्थन जुटाना था। इन प्रतिनिधिमंडलों ने विदेशी सरकारों को भारत का पांच सूत्रीय पक्ष समझाया:
पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। इस कार्रवाई में भारतीय सेना ने करीब 100 आतंकियों को ढेर किया था। बढ़ते तनाव के बाद 10 मई को शाम 5 बजे दोनों देशों ने सीजफायर पर सहमति जताई। मणिशंकर अय्यर के बयान ने भारत सरकार की अंतरराष्ट्रीय रणनीति पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां सरकार इस प्रयास को कूटनीतिक सफलता मानती है, वहीं विपक्षी नेता इसे सबूतों के अभाव में असफल मान रहे हैं। अब देखना होगा कि भारत अपनी बात को वैश्विक मंचों पर कितनी मजबूती से पेश कर पाता है।
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