Manish Kashyap : बिहार की खराब हालत को उजागर करने पर उन्हें राज्य की नाराजगी का सामना करना पड़ा। उन्हें जेल भी जाना पड़ा। बिहार चुनाव से पहले यूट्यूबर मनीष कश्यप को प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने पार्टी में शामिल कर लिया। पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने महज 13 महीने के भगवा दौरे के बाद जनसुराज आए मनीष को पार्टी का झंडा थमाया।
पिछले साल जून में भाजपा में हुए थे शामिल
मनीष पिछले साल जून में भाजपा में शामिल हुए थे। हालांकि, वहां उनका मन नहीं लगा। ऐसे में उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। हाल ही में जनसुराज अध्यक्ष उदय सिंह के साथ उनकी एक तस्वीर सामने आई। जिसमें उन्होंने लिखा, 7 जुलाई को बापू सभागार। बुझी हुई उम्मीद को फिर से जगाएंगे, हर घर में उम्मीद की रोशनी जलाएंगे, वनवास का गम मिटाएंगे, फिर से नया बिहार बनाएंगे।
प्रशांत किशोर मौजूदगी में पार्टी में शामिल
घोषणा के मुताबिक, मनीष सोमवार को पीके पार्टी में शामिल हो गए। इस कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने कहा, “जो लोग बिहार के मौजूदा हालात को बदलना चाहते हैं, उनका जनसुराज में स्वागत है।” वहीं मनीष ने कहा, “इस बार हमारे राज्य का भाग्य तय होगा। अगले 5 साल आपके होंगे। राज्य के हालात को लेकर आप सभी का स्वागत है, बिहार में अब कोई सुरक्षित नहीं है। बिहार को सुरक्षित बनाने के लिए जनसुराज की जरूरत है।”
2020 में पहली बार राजनीति के मैदान में उतरे थे मनीष
गौरतलब है कि मनीष कश्यप बिहार की सड़कों की खराब स्थिति, सरकार की ढुलमुल मानसिकता और भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था की दुर्दशा को उजागर करके काफी लोकप्रिय हुए थे। यूट्यूब पर उनके 9.29 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। बिहारपुत्र होने का दावा करने वाले मनीष 2020 में पहली बार राजनीति के मैदान में उतरे थे। उस साल उन्होंने पश्चिम चंपारण के चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन तीसरे नंबर पर रहे थे। फिर पिछले साल उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया, लेकिन उनका दिल वहां नहीं टिका। आखिरकार मनीष ने बिहार को बदलने के मकसद से जनसुराज खेमे में कदम रख दिया। पीके की पार्टी ने इस चुनाव में 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है और माना जा रहा है कि उन्हें इस बार चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा जा सकता है।
मनीष पर लगा था मारपीट का आरोप
गौरतलब है कि मनीष हाल ही में एक डॉक्टर के साथ मारपीट करने के आरोप में सुर्खियों में आए थे। इससे पहले सारण जिला प्रशासन ने 11 यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया था और मनीष का चैनल भी इस सूची में शामिल था। तमिलनाडु में बिहारियों के खिलाफ हुई हिंसा की घटना का वीडियो अपलोड करने के बाद यह यूट्यूबर कानूनी पचड़े में फंस गया था। तमिलनाडु में उसके खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसके चलते उसे 9 महीने जेल में बिताने पड़े थे। इस बार मनीष को पार्टी में लाकर पीके ने बड़ा सरप्राइज दिया।
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