Maratha Andolan: मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा समुदाय को ओबीसी वर्ग के आधार पर आरक्षण देने की मांग को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल शुरू की थी। आज उनकी भूख हड़ताल का तीसरा दिन है। उनकी तबियत बिगड़ने के बावजूद उन्होंने सोमवार 1 सितंबर से पानी भी पीना बंद करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उनका आमरण अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानती।
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शांतिपूर्ण आंदोलन का भरोसा
बताते चले कि, मनोज जरांगे पाटिल ने आंदोलनकारियों से अपील की कि कोई हंगामा या उपद्रव न करें। उन्होंने कहा, “हमारी लड़ाई पूरी तरह शांतिपूर्ण होगी। आम मुंबई की जनता को कोई परेशानी नहीं पहुंचनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन में किसी को पैसे देने या रेनकोट, छतरी लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि समाज के लोग ही आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं।
मराठा आरक्षण की मांग और संवैधानिक आधार
मनोज जारंगे ने कहा कि मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे के तहत कुनबी प्रमाण पत्र प्रदान कर उनकी मांग पूरी करनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी मांग संवैधानिक रूप से जायज है और सरकार बहाने बनाने की बजाय इसे तुरंत पूरा करे। “सरकार हमारी मांग पूरी करे या आंदोलन का इंतजार करे, तभी आंदोलन समाप्त होगा,” उन्होंने कहा।
मुंबई में बारिश और धूप के बावजूद आंदोलन जारी
मुंबई में बारिश और धूप के बावजूद आंदोलनकारी आजाद मैदान में डटे हुए हैं। बालासाहब ठाकरे के बाद मनोज जरांगे पाटिल ने मराठाओं की गति को रोकते हुए उन्हें एकजुट किया है। आंदोलनकारी देसी खाने से अपना पेट भर रहे हैं और स्वयं अपनी व्यवस्था कर रहे हैं। कुछ आंदोलनकारियों को शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
सरकार और पुलिस पर आरोप
आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार और पुलिस पर निशाना साधा कि उनकी गाड़ियों को मुंबई में घुसने से रोका जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने मराठा आरक्षण के मामले में वादा किया था कि मुसलमानों के आरक्षण के साथ मराठाओं को भी अधिकार मिलेंगे।
अबू आजमी का बयान
कांग्रेस नेता अबू आजमी ने कहा कि सरकार को पार्लियामेंट में विशेष कानून के तहत निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को शक्ति नहीं थी तो वादा ही नहीं करना चाहिए था। अब जो मांगें हैं, उन्हें सरकार को तुरंत पूरा करना चाहिए।
मराठा आंदोलन की ऊर्जा और जनता का समर्थन
आंदोलन में मराठा समुदाय की ऊर्जा देखने लायक है। पिछले तीन दिनों से आंदोलनकारियों की संख्या लाखों में है। आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण और अनुशासित है। मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में मराठा समुदाय अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है और अपनी मांगों को लेकर अडिग है।
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