Margshrish Maas 2025: शुरू हुआ मार्गशीर्ष माह, जानें क्या करें क्या नहीं

मार्गशीर्ष माह, जिसे अगहन या अग्रहायण भी कहा जाता है, श्रीकृष्ण भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह माह कार्तिक पूर्णिमा के बाद, देव दीपावली के अगले दिन से शुरू होता है और धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। इस दौरान श्रीकृष्ण की पूजा और साधना से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

Nivedita Kasaudhan
Margashirsha Maas
शुरू हुआ मार्गशीर्ष माह

Margshrish Maas 2025: कार्तिक मास के समापन के बाद मार्गशीर्ष माह का शुभारंभ होता है, जिसे अगहन मास भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में यह महीना अत्यंत पवित्र माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है। इस वर्ष मार्गशीर्ष माह की शुरुआत 6 नवंबर से हो चुकी है और इसका समापन 4 दिसंबर को होगा। इस पूरे महीने में श्रीकृष्ण की भक्ति करना विशेष फलदायी माना जाता है। साथ ही, इस माह में कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है ताकि आध्यात्मिक लाभ प्राप्त हो सके।

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मार्गशीर्ष माह में क्या न करें

Margashirsha Maas
शुरू हुआ मार्गशीर्ष माह

इस पवित्र महीने में कुछ कार्यों से परहेज करना चाहिए, ताकि धार्मिक ऊर्जा और पुण्य फल प्राप्त किया जा सके।

बासी और ठंडा भोजन न करें

मार्गशीर्ष माह में सात्विक भोजन को प्राथमिकता दी जाती है। ठंडा या बासी भोजन करने से शरीर और मन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

तामसिक भोजन से दूरी रखें

इस महीने में मांसाहार, लहसुन-प्याज जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन वर्जित माना गया है। सात्विकता बनाए रखना आवश्यक है।

किसी की निंदा या अपशब्द न कहें

मार्गशीर्ष माह में मानसिक शुद्धता बनाए रखना जरूरी है। किसी के प्रति क्रूर व्यवहार या अपशब्दों का प्रयोग करने से पुण्य नष्ट हो सकता है।

जीरा का प्रयोग न करें

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस महीने में जीरा वर्जित होता है। इसके स्थान पर मेथी और धनिया का प्रयोग करना शुभ माना गया है।

मार्गशीर्ष माह में क्या करें

इस माह में कुछ विशेष धार्मिक और पुण्य कार्यों को करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

रोजाना भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें

विशेष रूप से लड्डू गोपाल स्वरूप की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। भक्ति भाव से की गई पूजा से मन को शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है।

पवित्र नदियों में स्नान करें

गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से अनजाने पापों से मुक्ति मिलती है। यह आत्मशुद्धि का श्रेष्ठ उपाय है।

तुलसी और मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं

सुबह और शाम तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाना चाहिए। साथ ही, शाम को घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता दूर होती है।

दान-पुण्य करें

मार्गशीर्ष माह में अन्न, वस्त्र, गुड़, कंबल आदि का दान करना अत्यंत पुण्यदायी होता है। जरुरतमंदों की सहायता करने से आत्मिक संतोष और सामाजिक समृद्धि मिलती है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

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