Martial law South Korea: दक्षिण कोरिया में हाल ही में राष्ट्रपति यून सुक योल द्वारा अचानक मार्शल लॉ लागू (Martial law South Korea) करने के फैसले से देश में हलचल मच गई। इस ऐलान के बाद से देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, और नेशनल असेंबली में एक बिल पारित हुआ, जिसमें मार्शल लॉ (Martial law को अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद, राष्ट्रपति को अपने फैसले को वापस लेना पड़ा। इस घटना के बाद, “मार्शल लॉ” शब्द एक बार फिर से चर्चा में आ गया। आइए समझते हैं कि आखिरकार मार्शल लॉ होता क्या है और इसके साथ जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।
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मार्शल लॉ क्या होता है?

मार्शल लॉ एक अस्थायी आपातकालीन स्थिति होती है, जिसे सरकार किसी तात्कालिक सुरक्षा खतरे या संकट के दौरान लागू करती है। जब यह कानून लागू होता है, तो सेना नागरिक प्रशासन की जगह लेती है, और देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना के हाथों में चली जाती है। इसके तहत, नागरिक स्वतंत्रताओं पर प्रतिबंध, कर्फ्यू और सैन्य बलों की तैनाती की जाती है। मार्शल लॉ का उद्देश्य सरकार को उन खतरों से निपटने के लिए अधिक ताकत देना होता है, जो सामान्य प्रशासन और कानून व्यवस्था से परे हो। यह आमतौर पर तब लागू किया जाता है, जब सरकार को नागरिक अशांति, प्राकृतिक आपदाओं या बाहरी आक्रमण के खतरे का सामना करना पड़ता है।
दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ का ऐलान और विरोध

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने एक रात अचानक टेलीविजन पर संबोधित करते हुए देश में मार्शल लॉ लागू करने का ऐलान किया। उन्होंने इसे उत्तर कोरिया की ‘कम्युनिस्ट ताकतों’ और ‘राष्ट्रविरोधी तत्वों’ से सुरक्षा के लिए आवश्यक बताया। हालांकि, इस घोषणा के महज ढाई घंटे बाद ही नेशनल असेंबली के 190 सदस्य ने मार्शल लॉ हटाने के लिए वोट दिया। इस बीच, देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और विपक्षी नेताओं ने संसद के सामने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस हंगामे के बीच, राष्ट्रपति यून को आखिरकार अपना फैसला वापस लेना पड़ा और उन्होंने मार्शल लॉ को हटाने का आदेश दिया।
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इतिहास में मार्शल लॉ का प्रभाव

दक्षिण कोरिया के इतिहास में मार्शल लॉ का एक अहम स्थान रहा है, खासकर राष्ट्रीय संकट और अधिनायकवादी शासन के दौरान। यह स्थिति आमतौर पर तब लागू की जाती है, जब सरकार को नागरिक अशांति या राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर खतरे का सामना करना पड़ता है। 1950-53 के कोरियाई युद्ध के दौरान, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति सिंगमन री ने युद्ध के हालात को संभालने के लिए मार्शल लॉ लागू किया था। उस समय सरकार ने विभिन्न शक्तियों का इस्तेमाल किया, जिनमें सेंसरशिप, बिना न्यायिक प्रक्रिया के गिरफ्तारी और नागरिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध भी शामिल थे।