Masood Azhar Confession: ‘मसूद अजहर ने ही कराया संसद पर हमला’, जैश कमांडर के कबूलनामे ने खोली पाकिस्तान की पोल

Chandan Das
Massod

Masood Azhar Confession: पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क की असलियत एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर हो गई है। जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी के सनसनीखेज कबूलनामे ने पाकिस्तान की आतंकी सरपरस्ती की पोल खोल दी है।

एक वीडियो बयान में इलियास कश्मीरी ने स्वीकार किया कि संसद हमले (2001) और मुंबई 26/11 हमलों (2008) का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर था। यह वही मसूद अजहर है, जिसे भारत ने 1999 में कंधार विमान अपहरण कांड के दौरान छुड़वाया था और जो अब पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है।

पाकिस्तान की ‘डबल गेम’ फिर बेनकाब

इलियास कश्मीरी के इस वीडियो ने पाकिस्तान सरकार और आईएसआई की दोहरी नीतियों की पुष्टि कर दी है। पाकिस्तान लंबे समय से वैश्विक मंचों पर दावा करता रहा है कि वह आतंक के खिलाफ लड़ रहा है, लेकिन इस कबूलनामे से स्पष्ट हो गया है कि पाक सरकार और सेना की मिलीभगत से आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाहें मिलती हैं।

कश्मीरी ने साफ कहा कि मसूद अजहर के निर्देश पर ही भारतीय संसद पर हमला किया गया था। इसके अलावा उसने यह भी स्वीकार किया कि जैश के ट्रेनिंग कैंप बालाकोट और बहावलपुर में सक्रिय थे। 2019 में भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक में इन्हीं ठिकानों को निशाना बनाया गया था।

अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ीं

इस कबूलनामे से पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव और बढ़ने की संभावना है। पहले ही FATF (Financial Action Task Force) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग रोकने के पुख्ता सबूत देने पड़ रहे हैं। अब जैश के कमांडर द्वारा खुद पाकिस्तान की धरती से आतंकी गतिविधियों की पुष्टि करने से उसकी स्थिति और भी कमजोर हो गई है।

भारत को मिला कूटनीतिक हथियार

इस कबूलनामे से भारत को वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करने का एक और सशक्त प्रमाण मिल गया है। संसद और मुंबई जैसे बड़े हमलों के पीछे पाकिस्तान में पनप रहे आतंकी नेटवर्क की भूमिका को भारत पहले ही दुनिया के सामने रखता रहा है, लेकिन अब जैश के अंदर से आए इस कबूलनामे ने भारत की बात को और मजबूत किया है।

शहबाज सरकार की बढ़ेगी बेचैनी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लिए यह खुलासा किसी दर्दनाक झटके से कम नहीं। एक ओर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को IMF और अंतरराष्ट्रीय सहायता की ज़रूरत है, वहीं दूसरी ओर देश में पल रहे आतंकी संगठन उसके लिए विदेश नीति का सिरदर्द बन चुके हैं। अब इस नए वीडियो के बाद, पाकिस्तान की विश्वसनीयता और छवि पर गहरा आघात हो सकता है।

मसूद इलियास कश्मीरी का यह कबूलनामा इस बात का पुख्ता सबूत है कि पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियाँ न केवल संचालित होती हैं, बल्कि उन्हें संस्थागत समर्थन भी प्राप्त है। अब यह देखना होगा कि वैश्विक समुदाय इस कबूलनामे को कितनी गंभीरता से लेता है और पाकिस्तान पर क्या कूटनीतिक कदम उठाए जाते हैं।

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