Mathura Holi 2025:इस बार मथुरा से काशी विश्वनाथ को होली के खास प्रसाद भेजे जाएंगे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान से गुलाल, पटुका, पिचकारी और गुजिया जैसे लजीज पकवान बाबा विश्वनाथ के लिए भेजे जाएंगे। 8 मार्च को सुबह 11 बजे इस प्रसाद की यात्रा श्रीकृष्ण जन्मस्थान से शुरू होकर काशी विश्वनाथ के लिए रवाना होगी। इसके साथ ही, काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन भी कान्हा के लिए भस्म, वस्त्र, मिष्ठान और चाकलेट भेजेगा।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान से गुलाल यात्रा का आयोजन
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा के अनुसार, 8 मार्च को श्रीकृष्ण जन्मस्थान से शुरू होने वाली गुलाल यात्रा में रंग और गुलाल के साथ साथ अन्य होली प्रसाद भी काशी विश्वनाथ मंदिर भेजे जाएंगे। यह यात्रा भगवान केशवदेव जी, योगमाया जी, श्रीगर्भगृह जी और राधाकृष्ण मंदिर होते हुए मुख्यद्वार तक पहुंचेगी। वहां से सुसज्जित वाहन में होली प्रसाद काशी विश्वनाथ धाम के लिए रवाना होगा।

कपिल शर्मा ने कहा, “होली का मुख्य आयोजन रंगभरनी एकादशी के दिन जन्मस्थान और काशी विश्वनाथ पर होता है। यह प्रसादी करोड़ों सनातनियों के लिए एक दिव्य संदेश है।”
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ब्रजवासियों का उत्साह और श्रद्धा का संगम

श्रीकृष्ण जन्मस्थान से काशी विश्वनाथ के लिए भेजी जाने वाली गुलाल यात्रा में भक्तों और ब्रजवासियों का उत्साह देखने लायक होगा। सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी के अनुसार, इस ऐतिहासिक अवसर पर भक्तों का साथ इस गुलाल यात्रा में शामिल होने से पुण्य की प्राप्ति होगी। भक्तों का यह सामूहिक संगम भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक होगा।
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कासी विश्वनाथ से श्रीकृष्ण जन्मस्थान को होली प्रसाद भेजने की तैयारी
वहीं, काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सीईओ विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि बाबा काशी विश्वनाथ से श्रीकृष्ण के लिए भस्म, वस्त्र, मिष्ठान और चाकलेट भेजने की तैयारी पूरी कर ली गई है। 8 मार्च को यह प्रसाद भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान के लिए भेजा जाएगा।
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ब्रज की भूमि में होली का जोश

ब्रज में होली का उल्लास अब अपने चरम पर है। श्रद्धालु बसों में सवार होकर भजन गाते हुए बरसाना की ओर बढ़ रहे हैं। महिलाएं और पुरुष श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर राधे-राधे और श्याम प्यारे की होली जैसे भजन गा रहे हैं। इस दौरान वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया है।बरसाना की लट्ठमार होली में शामिल होने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। श्रद्धालु बसों, ट्रैक्टर-ट्रालियों, कारों और अन्य वाहनों से बरसाना पहुंच रहे हैं। राधे-राधे के जयकारों से सड़कें गूंज रही हैं, जो इस पूरी यात्रा को और अधिक आध्यात्मिक और भावनात्मक बना रही हैं।
ब्रज में होली का जश्न और उत्सव
ब्रज में हर साल होली का महोत्सव 40 दिन तक मनाया जाता है। इस बार 7 मार्च से होली के अलग-अलग रंगों में जश्न शुरू हो चुका है, जिसमें लड्डू-लठमार और फूलों की होली प्रमुख रूप से शामिल हैं। हर एक दिन भक्त रंग, गुलाल और भक्ति में लहराते हुए इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं।इस बार की होली न सिर्फ रंगों से भरी होगी बल्कि यह आध्यात्मिक यात्रा का एक खास हिस्सा भी बनेगी, जहां श्रद्धालु अपने श्रद्धा और भक्ति से जुड़े महत्वपूर्ण प्रसादों का आदान-प्रदान करेंगे।
